यूपी एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान आशीष अग्रवाल निवासी ममफोर्डगंज, थाना कर्नलगंज, इलाहाबाद और अरविंद भार्गव निवासी थाना कीडगंज जनपद इलाहाबाद है।
एसएसपी ने बताया कि बीती 8 अक्टूबर को बीटीसी प्रशिक्षण-2015 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होनी थी। लेकिन 7 अक्टूबर को ही बीटीसी का प्रथम प्रश्नपत्र से लेकर आठवां प्रश्न पत्र तक व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। जिसके बाद परीक्षा निरस्त कर दी गई।
वहीं आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देश पर एसटीएफ मामले की जांच में जुट गई। इस बीच एसटीएफ फील्ड इकाईए इलाहाबाद को कौशाम्बी से पेपर लीक होने का इनपुट मिला और टीम वहां जाकर पूछताछ करने लगी। जांच में एसटीएफ को पता चला कि काफी सालों से बीटीसी परीक्षा के पेपर छपाई का टेंडर एक की एंजेसी दीप्ति इंटरप्राइजेज, बलरामपुर हाउस, इलाहाबाद को मिल रहा है।
बीटीसी प्रशिक्षण-2015 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के पेपर भी छपाई और पेपर परीक्षा केंद्र पर पहुंचाने का काम भी सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद द्वारा दीप्ति इंटरप्राइजेज को ही दिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि दीप्ति इंटरप्राइजेज की प्रोपराइटर दीप्ति अग्रवाल है, जो अरोपी आशीष अग्रवाल की पत्नी है और सारा काम आशीष ही संभालता है। आरोपी टेंडर हासिल करने के बाद पेपर छपाई का सारा काम भार्गव प्रेस से कराता था, जिसका मालिक दूसरा आरोपी अरविंद भार्गव हैं।
अरविंद पेपर छपाई का काम इलाहाबाद स्थित बाई का बाग और मोहित्सीन गंज में स्थित प्रेसों में कराता था, जहां कोई भी सुरक्षा मानक उपयोग नही किया गया है। यहां से कोई थी आसानी से पेपर ई-मेल और मोबाइल पर फोटो खींचकर आसानी से कहीं भी भेज सकते थे। यही नहीं दीप्ति इंटरप्राइजेज द्वारा की जारी पेपर पैकजिंग में भी मानक के मुताबिक सील्ड पैक नहीं किया जाता था। पेपर को कोई भी कन्हीं भी खोल कर फोटो लेकर फिर पैकेट में रख सकता है।
एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों को कौशाम्बी पुलिस को सुपुर्द किया गया, उनके खिलाफ आगे की कार्यवाही स्थानीय पुलिस कर रही है।