दो साल तक गायब रहने के बाद आज ही के दिन विश्वप्रसिद्ध पेंटिंग मोनालिसा चोर के कमरे से हुई थी बरामद.
12 दिसंबर, 1913 को फ्लोंरेस के एक होटल के कमरे में दो साल से खोई हुई मोनालिसा बरामद हुई. पेरिस के मशहूर लूव्रे म्यूजियम से चुराई गई यह पेंटिंग विंसेजो पेरुजा नाम के एक इतावली वेटर के कमरे से मिली. इसके पहले लियोनार्डो दा विंची की यह मशहूर रचना पेरिस के लूव्रे म्यूजियम में रखी हुई थी. पेरुजा पहले लूव्रे में ही नौकरी करता था और वहां से इसे चुराने में उसने कई और लोगों की मदद ली थी. 21 अगस्त, 1911 की सुबह वह और कई चोरों के साथ शौचालय साफ करने वाले कर्मचारियों की ड्रेस में लूव्रे में दाखिल हुआ और इस ऐतिहासिक चोरी को अंजाम दिया.
इतावली रेनेसां काल के महान पेंटर लियोनार्डो दा विंची ने 1504 में फ्लोरेंस में रहने वाले एक अमीर व्यक्ति फ्रांचेस्को डेल जोकोंडा की पत्नी की तस्वीर बनाई थी. इसीलिए इस तस्वीर को ला जोकोंडा के नाम से भी जाना जाता है. इस तस्वीर में दिखाई देनी वाली महिला के चेहरे की रहस्यमयी मुस्कान ही इसे खास बनाती है. मोनालिसा के नाम से विश्व भर में जानी जाने वाली इस पेंटिंग को वापस लूव्रे म्यूजियम में रख दिया गया जहां इसके चारों ओर बुलेटप्रूफ शीशे लगे हैं. विश्व की इस सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग को देखने आज भी लाखों लोग पहुंचते हैं.