बगदाद, 13 दिसम्बर – इराक के मोसुल शहर में कम से कम 160,000 ईसाइयों को अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है, क्योंकि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने इराक के दूसरे सबसे बड़े इस शहर पर जून में ही कब्जा कर लिया था। प्रेस टीवी के अनुसार, इराकी संसद के सदस्य एमाद युखाना ने शनिवार को कहा, “ईसाई परिवार हिंसा और आतंकवादी संगठनों से जान पर खतरे के कारण विस्थापित हुए हैं।”
युखाना ने कहा कि कुछ यूरोपीय देशों ने कुछ विस्थापित इराकी ईसाइयों को अपना लिया है।
सांसद ने कहा, “उनमें से अधिकांश ईसाइयों ने उत्तरी इराक के अर्धस्वायत्तशासी क्षेत्र कुर्दिस्तान में शरण ले रखी है।”
आईएस आतंकवादियों ने जुलाई में ईसाइयों को धमकी दी थी कि उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करना होगा, कर चुकाना होगा अन्यथा उन्हें मार दिया जाएगा। इसके बाद हजारों ईसाई अपने घर छोड़ कर भाग गए थे।
आईएस आतंकवादियों ने 10 जून को मोसुल पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद आईएस ने टिकरित पर भी कब्जा कर लिया था। बाद में टिकरित पर इराकी सेना ने दोबारा कब्जा कर लिया था।
वर्ष 2003 में अमेरिकी हमले से पहले इराक में कोई 12 लाख ईसाई निवास करते थे। उसके बाद से यह संख्या घट कर लगभग 500,000 रह गई है।