अनिल गिरी
अनिल गिरी
काठमांडू, 31 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल और भारत पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्यसमिति के गठन पर सहमत हो गए हैं। यह कदम पिछले वर्ष नवंबर महीने में काठमांडू में आयोजित 18वें सार्क सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार उठाया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त पैनल की पहली बैठक तीन सप्ताह के भीतर नई दिल्ली में आयोजित करने की योजना है।
दोनों पक्षों से 12 सदस्यीय पैनल विचार करेगा और धार्मिक पर्यटन सहित पर्यटन बढ़ाने की असीम संभावनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए हुए समझौते को लागू करने की जमीन तैयार करेगा।
नेपाल पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, नई दिल्ली में 19 और 20 फरवरी को बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव है।
नेपाल-भारत चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में नेपाल के पर्यटन सचिव सुरेश मान श्रेष्ठ ने कहा कि समिति राजनीति में दूरी को खत्म करने के लिए और दोनों देश में पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने का काम करेगी।
सार्क सम्मेलन के दौरान नेपाल और भारत ने तीन ट्विन-सिटी समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता जनकपुर और आयोध्या, काठमांडू और वाराणसी और लुंबनी और बोध गया को जोड़ने के लिए किया गया है।
दोनों देश बौद्ध तीर्थयात्रा सर्किट को विकसित और साथ मिलकर प्रोत्साहित करने पर भी सहमत हैं। इस तीर्थयात्रा के रास्ते में भारत के बिहार के बोध गया और उत्तर प्रदेश के सरानाथ और कुशीनगर और नेपाल के लुंबनी को शामिल किया गया है।
नेपाल में भारत के राजदूत रणजीत राय ने कहा कि दोनों देश पर्यटन प्रोत्साहन के जरिए आर्थिक विकास में उच्च संभावना में साझीदार बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त कार्यसमिति सार्क समझौते के दौरान जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी उन्हें ढांचा और आकार देने में मदद करेगी।