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 मोटापे पर जीत पाना हुआ आसान | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

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मोटापे पर जीत पाना हुआ आसान

नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। मधुमेह और मोटापे की वजह से दिल का दौरा, दिमागी दौरा, अंधापन, फेफड़े का खराब होना, शरीर की सारी नसों को हानि का खतरा पैदा हो सकता है। तंबाकू के बाद कैंसर का दूसरा महत्वपूर्ण कारण मोटापा ही है।

54 वर्षीय विनोद गुप्ता 123 किलोग्राम वजन के साथ मधुमेह और मोटापे की बीमारी से परेशान थे। उनका (बीएमआई) सामन्य स्तर से बढ़कर 39.4 तक पहुंच गया था। लेकिन अब बॅरिएट्रिक सर्जरी के द्वारा वह इन बीमारियों से ठीक हो चुके हैं और छह माह में उन्होंने 26.7 किलोग्राम वजन भी कम कर लिया और आज दो साल बाद भी विनोद का वजन 80 किलोग्राम है।

फोर्टिस हॉस्पिटल में मेटाबोलिक एंड बॅरिएट्रिक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. अतुल पीटर्स ने कहा, “अनियंत्रित मधुमेह कई बड़े खतरे जैसे-दिल का दौरा, दिमागी दौरा, अंधापन, फेफड़े का खराब होना, शरीर की नसों को हानि जैसी बीमारियां पैदा कर सकती है।”

उन्होंने कहा कि अगर स्त्री की कमर आकार 35, पुरुष का आकार 40 से ज्यादा है तो मधुमेह की जांच करानी चाहिए। ऐसे मामले में बांझपन बहुत आम बात है। ऐसा पाया गया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा बांझपन के मामले मोटापे और मधुमेह के कारण होते हैं। इसकी वजह से पीड़ितों को सम्भोग में भी काफी परेशानियों सामना करना पड़ता है।

विनोद गुप्ता की सर्जरी के दो महीने के बाद उनके पुत्र वैभव को भी बॅरिएट्रिक सर्जरी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। 30 वर्ष की उम्र में 138 किलोग्राम के वजन के साथ उनका (बीएमआई ) 41.1 के स्तर पर जा पंहुचा था। अपने पिता की तरह वो भी ‘डायबिटीज’, ‘डाइस्लिपीमेडियां’ तथा हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से खासा परेशान थे।

छह महीने में उन्होंने 27 किलोग्राम वजन कम किया और आज वैभव का वजन 93 किलोग्राम है तथा पिछले दो साल से वह उसी वजन पर कायम भी है।

विनोद गुप्ता का ऑपरेशन दिनांक 16 अगस्त 2012 को हुआ था, वहीं वैभव का ऑपरेशन अपने पिता की सर्जरी के दो महीने बाद दिनांक 11 अक्टूबर 2012 को हुआ।

मोटापा कई बीमारियों की जड़ है, ऐसे में इससे बचाव से ही बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। डॉ. अतुल पीटर्स के अनुसार, दवाओं के जरिए उपचार कराने वालों की तुलना में बॅरिएट्रिक सर्जरी अपनाने वाले मरीज ज्यादा मात्रा में वजन कम कर लेते हैं।

लक्षण :

* असाधारण तोंद

* रक्तप्रवाह का स्तर अनुरूप न होना

* ब्लड शुगर में बढ़ोतरी

* सूजन और जलन का होना

* मीठा खाने की तमन्ना खासकर खाने के बाद

* खाना खाने के बाद थकान हो जाना

* बार बार पेशाब जाना

* दृष्टि संबंधी समस्याएं

* लैंगिक रूप से परेशानियों का होना

ऐसा माना जाता है कि इसमें बॅरिएट्रिक सर्जरी एक सफल तथा आशाजनक उपचार के रुप में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। सर्जरी जोड़ों के दर्द, डायबिटीज, नींद का ना आना, रक्तप्रवाह जैसी बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है।

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