संयुक्त राष्ट्र, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन पर अंर्तसरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफ दे चुके राजेंद्र पचौरी के खिलाफ लगे आरोपों पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से कोई जांच नहीं होगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन डुजैरिक ने मंगलवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
पचौरी पर लगे आरोपों के मामले में संयुक्त राष्ट्र की जांच के सवाल पर डुजैरिक ने बताया, “हमने मामले में प्रेस की रिपोर्ट देख ली हैं, संबंधित देश के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।”
डुजैरिक ने बताया कि बान को मंगलवार सुबह पचौरी का पत्र मिला, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह आईपीसीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। बान ने आईपीसीसी में पचौरी के समर्पित नेतृत्व की सराहना की।
डुजैरिक ने बताया, “पचौरी के नेतृत्व में पिछले 13 साल, जलवायु परिवर्तन की सही प्रकृति को समझने में दुनिया की समझ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने हमारे समय के एक महत्वपूर्ण मुद्दे से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई जुटाने में प्रमुख भूमिका निभाई है।”
पचौरी द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) के महानिदेशक भी हैं। उन पर एक महिला शोधकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है और जांच कर रही है।
पचौरी 2002 में आईपीसीसी के अध्यक्ष बने थे। यह उनका दूसरा कार्यकाल था, जो अक्टूबर में समाप्त होना था। आईपीसीसी ने बताया कि नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
इस्तीफे के कारण पचौरी दिसंबर में पेरिस में जलवायु पर्वितन पर होने वाले एक सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यह सम्मेलन विभिन्न देशों को अपने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए तैयार करने के लिए हो रहा है। पचौरी अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय कूटनीति का चेहरा रहे हैं।