नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। निष्प्रभावी हो जाने से एक दिन पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को दोबारा जारी करने के लिए शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सरकार द्वारा पहले जारी किए गए अध्यादेश की अवधि शनिवार को समाप्त हो रही थी। साल 2013 में केंद्र में सत्तासीन तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पारित इस विधेयक को संशोधित करते हुए बीते साल 31 दिसंबर को अध्यादेश जारी किया गया था।
फिर से मंजूर अध्यादेश में वे नौ संशोधन शामिल किए गए हैं, जिसके साथ भूमि अधिग्रहण में निष्पक्ष मुआवजा एवं पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन (संशोधन) विधेयक, 2013 लोकसभा में पारित हो चुका है।
राज्यसभा से इस विधेयक को पारित कराने में विफल रही केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश को दोबारा जारी करने की सिफारिश 31 मार्च को की थी।
राष्ट्रपति ने जनवरी में हालांकि अध्यादेश का रास्ता अपनाने से बचने की सलाह देते हुए कहा था कि अपरिहार्य परिस्थिति में ही इसे अपनाया जाना चाहिए।
कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों ने अध्यादेश का खुलकर विरोध किया है।
बजट सत्र शुरू होने के समय सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर नए विधेयक के विरोध में दो दिनों का धरना दिया था।
इस पृष्ठभूमि में सूत्रों ने बताया कि सरकार शहरी क्षेत्रों में किसानों के मुआवजे को बाजार मूल्य के चार गुना के वर्तमान प्रावधान से बढ़ाने पर विचार कर रही है।
नए अध्यादेश में इस मुद्दे को नहीं छुआ गया है।