बर्नपुर (पश्चिम बंगाल), 10 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां आधुनिकीकृत आईआईएससीओ इस्पात संयंत्र (आईएसपी) राष्ट्र को समर्पित किया। इस संयंत्र में देश की सबसे बड़ी विस्फोट भट्टी (ब्लास्ट फर्नेस) है और संयंत्र के उन्नतीकरण पर केंद्र ने 16,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
विस्फोट भट्टी में अयस्क को पिघलाकर उससे कच्चा लोहा तैयार किया जाता है।
आधुनिकीकरण के बाद, संयंत्र की उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष 8.5 लाख टन से बढ़कर 29 लाख टन हो गई है।
मोदी ने इस मौके पर कहा, “अपार हर्ष के साथ मैं बर्नपुर के इस आधुनिकीकृत और विस्तारित आईएसपी को देश को समर्पित करता हूं।” इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन. त्रिपाठी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और अनेक वरिष्ठ अधिकारी तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मोदी ने प्रधानमंत्री तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को टीम इंडिया संबोधित किया और कहा कि यह संयंत्र बताता है कि केंद्र तथा राज्य मिलकर किस तरह समस्याओं का समाधान करते हैं।
उन्होंने कहा, “यह संयंत्र अबतक बीमार था और अब यह अपने पैर पर खड़ा हो गया है। यदि मुख्यमंत्री (बनर्जी) और राज्य (पश्चिम बंगाल) सरकार ने बाधा पैदा किया होता तो यह संभव नहीं हो पाता।”
तोमर ने कहा कि आईएसपी का पुनर्जन्म हो गया है।
तोमर ने संयंत्र के उद्घाटन समारोह के दौरान कहा, “इस इस्पात संयंत्र को नया रूप दिया गया है और 29 लाख टन की उत्पादन क्षमता के साथ ही इसमें देश की सबसे बड़ी विस्फोटक भट्टी भी है। इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता को अभी और बढ़ाया जाएगा।”
उन्होंने साथ ही बताया कि औद्योगिक जरूरतें पूरी करने के लिए 2025 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है।
उन्होंने कहा, “भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) ने पांच करोड़ टन सालाना उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है। जैसे-जैसे इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, वैसे-वैसे पश्चिम बंगाल को इसका लाभ मिलेगा।”
मंत्री ने कहा कि इसी जिले में सेल का दुर्गापुर इस्पात संयंत्र भी काफी पुराना है। उन्होंने कहा, “जब दुर्गापुर संयंत्र के विस्तार और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी, तब पश्चिम बंगाल में 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा।”
बनर्जी ने केंद्र से दुर्गापुर में सेल का संचालन बढ़ाने की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध किया।
बनर्जी ने कहा, “पहले आईआईएससीओ के निजीकरण की चर्चा की जा रही थी। इसके कारण आईआईएससीओ के कामगार निराश थे। 1998 में जब हम पहली बार अटल बिहारी की पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे, तब हमने बंगाल के लिए पैकेज मांगा था। तब हमने आईआईएससीओ के आधुनिकीकरण की मांग की थी। उसके बाद परियोजना मंजूर की गई थी। जो काम 2006-07 में शुरू हुआ वह अब पूरा हुआ है।”
बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा कि राज्य सरकार ने आईआईएससीओ और सेल की अन्य परियोजना के आधुनिकीकरण के लिए 3,000 एकड़ जमीन दी है।
केंद्र सरकार ने 1972 में राष्ट्रीयकरण की मुहिम के तहत इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी (आईआईएससीओ) का अधिग्रहण किया था और 1978 में इसे सेल की संपूर्ण सहायक कंपनी बना दी थी। उसके बाद इस कंपनी का नाम बदलकर आईएसपी कर दिया गया था।
बर्नपुर का यह आधुनिकीकृत संयंत्र 953 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और सेल का पांचवां एकीकृत इस्पात संयंत्र है।