अशगाबात (तुर्कमेनिस्तान), 11 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति राष्ट्रपति गुरबांगुली बरदीमुहमदोव की बैठक के दौरान दोनों देशों ने भारत व तुर्कमेनिस्तान ने शनिवार को महत्वाकांक्षी टीएपीआई गैस पाइपलाइन परियोजना के जल्द क्रियान्वयन पर जोर दिया। दोनों देशों ने खाद व रक्षा सहित सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार शाम रूस के उफा से तुर्कमेनिस्तान की राजधानी पहुंचे। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बरदीमुहमदोव तथा प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) पाइपलाइन परियोजना हमारे संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।
उन्होंने कहा, “यह क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग में परिवर्तन ला सकता है और मार्ग पर समृद्धि लाएगा। पाइपलाइन के लिए चारों देशों के बीच समझौतों का हम स्वागत करते हैं। परियोजना के जल्द क्रियान्वयन की जरूरत को हमने रेखांकित किया है।”
मोदी ने कहा कि उन्होंने गैस के परिवहन के लिए ईरान होते हुए भूमि-सागर मार्ग सहित कई और विकल्पों पर दोनों पक्षों को विचार करने की पेशकश की है।
कुल 10 अरब डॉलर की लागत वाली टीएपीआई परियोजना तुर्कमेन प्राकृतिक गैस को अपने दौलताबाद तथा गालकिंश गैस फील्ड से भारत तथा पाकिस्तान लाएगी। परियोजना के दिसंबर में शुरू होने की संभावना है।
भारत तथा तुर्कमेनिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) पाइपलाइन परियोजना को शनिवार को दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में प्रमुख आधार करार दिया।
बयान के मुताबिक, दोनों देशों के नेताओं ने माना है कि टीएपीआई परियोजना के क्रियान्वयन का दोनों देशों के बीच के व्यापार पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा और दोनों ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय परियोजना के जल्द क्रियान्वयन के लिए कदम उठाने का फैसला किया।
मोदी ने कहा कि उन्होंने तुर्कमेनिस्तान को ऊर्जा क्षेत्र में भारत के दीर्घकालिक निवेश की इच्छा से उसे अवगत करा दिया है। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड अशगाबात में एक कार्यालय खोलेगा।
संपर्क पर जोर देते हुए व्यापार तथा पारगमन पर अशगाबात समझौते में शामिल होने के लिए भारत के समर्थन पर मोदी ने तुर्कमेनिस्तान का आभार जताया।
मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत तथा मध्य एशिया के बीच माल ढुलाई के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) को बढ़ावा देने की पेशकश की है, जो मुंबई को सेंट पीट्सबर्ग से जोड़ेगा।
उन्होंने कहा, “कजाकिस्तान-तुर्कमेनिस्तान-ईरान रेल संपर्क और ईरान के चहबहार बंदरगाह में भारत के प्रस्तावित निवेश के साथ उठाए गए इन कदमों से दोनों देशों के बीच संपर्क को मजबूती मिलेगी।”
मोदी ने कहा कि भारत और तुर्कमेनिस्तान के साझा उद्देश्य आतंकवाद का सामना करना और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर देना है।
प्रधानमंत्री ने तुर्कमेनिस्तान के साथ सभ्यता के गहरे संबंधों का भी हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “हमारे चिरस्थाई और गहन सभ्यता संबंधों से सभी परिचित हैं। मध्य एशिया के साथ भारत के गहन संबंधों में तुर्कमेनिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आतंकवाद और हमारे क्षेत्रों में चरमपंथ से निपटने में हमारे साझा उद्देश्य हैं।”
आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के बारे में मोदी ने कहा, “उद्योगों में भारत के निवेश को लेकर अच्छी खासी चर्चा हुई। मैंने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में तुर्कमेनिस्तान को सदस्य बनाने का भी प्रस्ताव रखा।”
मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों ने एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया, जो उच्च तथा मध्यम स्तर के दौरों, दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों तथा प्रासंगिक संगठनों के बीच प्रशिक्षण व वार्ता द्वारा द्विपक्षीय रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा।
बाद में मोदी ने तुर्कमेनिस्तान की राजधानी में एक पारंपरिक चिकित्सा तथा योग केंद्र का उद्घाटन किया और केंद्र में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया। योग मुद्राओं की प्रस्तुति के लिए उन्होंने स्थानीय छात्रों की प्रशंसा की।
मोदी के मध्य एशियाई देशों के दौरे का तुर्कमेनिस्तान चौथा पड़ाव था। उन्होंने उज्बेकिस्तान तथा कजाकिस्तान की यात्राएं की। ब्रिक्स तथा एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए उन्होंने रूस के उफा की यात्रा की। इसके बाद वह किर्गिजस्तान तथा ताजिकिस्तान की यात्रा करेंगे।