नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को राहत देते हुए कथित टेलीफोन एक्सचेंज मामले में उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी।
न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को वर्ष 2013 से इस मामले में कुछ न कर पाने के लिए फटकार लगाई।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि इसने उत्तर प्रदेश में 8,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन करीब दो करोड़ रुपये के बकाया बिल के मामले में वह मारन को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग कर रही है।
न्यायालय ने सीबीआई से मारन की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को अपनी अग्रिम जमानत रद्द किए जाने को चुनौती दी है।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।