सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने चितचियान के हवाले से कहा कि आज की तारीख में देश के लिए जल संकट एक बहुत बड़ी चुनौती है और यह इतनी गंभीर व जटिल समस्या है कि इसके समाधान के लिए ईरान के अधिकारियों के साथ-साथ सरकारी व निजी क्षेत्र के सामूहिक प्रयास की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जल संकट के गंभीर होने के कारणों में जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिग, साफ-सफाई के लिए पानी का अत्यधिक इस्तेमाल, कृषि व उद्योग तथा लोगों द्वारा पानी का अनुचित इस्तेमाल शामिल हैं।
बीते एक दशक के दौरान देश में कई झील, कुएं तथा जल स्रोत सूख गए।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, देश में बीते 15 साल के दौरान बारिश में औसतन 244 मिलीमीटर की कमी दर्ज की गई है।
इससे पहले, उप आंतरिक मंत्री इस्माइल नज्जर ने कहा कि ईरान के आधे से अधिक शहर पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं।
नज्जर ने कहा कि देश के अधिकांश शहर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।
गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ ही देश की राजधानी तेहरान सहित मध्य एवं दक्षिणी हिस्से में पानी की कमी की समस्या ईरान के अधिकारियों के लिए चिंता का सबब बन जाती है।