वाशिंगटन, 30 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने यहां कहा कि आरबीआई महंगाई से निपटने में लगा हुआ है।
वाशिंगटन, 30 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने यहां कहा कि आरबीआई महंगाई से निपटने में लगा हुआ है।
वाल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, राजन ने शनिवार को अमेरिका के व्योमिंग प्रांत के जैक्सन होल में आयोजित फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ कंसास सिटी के सालाना आर्थिक सम्मेलन में कहा, “हम महंगाई दर घटाने के लिए काम कर रहे हैं और वितरण पर अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं।”
वैश्विक महंगाई से संबंधित एक परिचर्चा के पैनल सदस्य के रूप में उन्होंने कहा कि आर्थिक नीति निर्माण में राजनीति और इतिहास पर नगण्य चर्चा हुई है, लेकिन इससे संबंधित लक्ष्य और तौर तरीके तय करने में ये काफी महत्वपूर्ण हैं।
उदाहरण के तौर पर जब हम बात केंद्रीय बैंकों द्वारा महंगाई को लक्षित करने से संबंधित मुद्दे पर करते हैं, तब महंगाई के किस सिरे पर ध्यान केंद्रित किया जाए, वह इतिहास और राजनीतिक अर्थव्यवस्था से तय होता है।
कुछ पक्षों का तर्क है कि अत्यधिक कम महंगाई या नकारात्मक महंगाई दर से बचने पर अमेरिका द्वारा ध्यान देना कुछ हद तक 1920 और 1930 के दशक में बैंकों के दिवालिया होने की वजह से है।
दूसरी ओर 1920 के दशक में अत्यधिक महंगाई के अनुभव के कारण जर्मनी का ध्यान अधिक महंगाई दर से बचने पर अधिक रहता है।
राजन ने साथ ही कहा कि जापान की वृद्ध हो रही जनसंख्या और बुजुर्गो की राजनीतिक सत्ता पर पकड़ से समझा जा सकता है कि देश नकारात्मक महंगाई को क्यों झेल पाने में सक्षम है।
राजन ने कहा, “राजनीतिक अर्थशास्त्र हमारे विषय से बाहर का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है, जिसे हमारे नीति विश्लेषण में जगह दी जानी चाहिए।”
पैनल में शामिल अन्य लोगों में थे फेडरल रिजर्व के उपाध्यक्ष स्टेनले फिशर, बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर मार्क कार्नी और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के उपाध्यक्ष विटॉर कॉस्टांसियो।