स्थानीय नेताओं के अनुसार, शहर में निवेशकों की बढ़ रही रूचि इलाके की प्रचुर आर्थिक क्षमता की ओर इशारा करती है, जिसका अब तक पूरा इस्ेतमाल नहीं हो सका है।
इलाके की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए नाकूरू सरकार के साथ चीन की साझेदारी स्वागत योग्य है। ऊर्जा, सेवा, स्वास्थ्य एवं बागवानी के अलावा उन क्षेत्रों में जिनमें चीनी कारोबारी निवेश करना चाहते हैं, रोजगार के अवसर बढ़े हैं तथा वार्षिक सकल राजस्व में भी इजाफा हुआ है।
जनवरी, 2015 से ही नाकूरू काउंटी के नेताओं ने चीनी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वृहत प्रयास किए हैं, ताकि सीमा के भीतर आर्थिक पहल स्थापित करने के लिए मौद्रिक क्षमता में वृद्धि की जा सके। परिणामत: अगस्त की शुरुआत तक जियांगसू मिंगडाओ एंटरप्रेन्योर कॉलेज से 13 चीनी प्रतिनिधिमंडल नाकूरू का दौरा कर चुका है।
नाकूरू के डेप्यूटी गवर्नर जोसेफ रूटो ने गुरुवार को कहा, “हम ऊर्जा, औषधि और कृषि के क्षेत्र में निवेश हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर विचार कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में निवेश करने की उनकी अपार क्षमता है और उनके पास मौजूद विशेषज्ञों के विशाल नेटवर्क से नाकूरू के विकास में व्यापक मदद मिलेगा।”
2013 में डोंगफैंग इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन ने नाकूरू काउंटी में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की पहल की और 50 मेगावाट क्षमता का पहला संयंत्र स्थापित किया। केन्या 2017 तक अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 5,000 मेगावाट करना चाहता है, जिसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और भूतापीय ऊर्जा शामिल है।