अनुभूति सेवा समिति की संरक्षक किरण यादव ने बताया कि सन् 1253 में पटियाली में जन्मे खड़ी बोली हिंदी-उर्दू, गजल, कव्वाली, सितार, तबला एवं गंगा-जमुनी तहजीब के जनक हजरत अमीर खुसरो के 711वें उर्स में नई दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के जफर हयात निजामी बंधु कव्वाल शाम 8 बजे से अपना हुनर पेश करेंगे।
किरण यादव ने बताया कि तूती-ए हिन्द हजरत अमीर खुसरो का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उनका देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी डंका रहा है, लेकिन अफसोस है कि उनकी जन्मभूमि पर उनको बेगाना बना दिया गया है। उर्स के माध्यम से ऐतिहासिक तहसील पटियाली क्षेत्र की जनता विश्वविख्यात जनप्रिय सांस्कृतिक एवं साहित्यक धरोहरो से रू-बरू हो सकेंगे।