सिलचर/नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। असम की बराक घाटी में शनिवार को ब्रॉड गेज रेलगाड़ी की शुरुआत हुई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पैसेंजर रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर इस बहुप्रतीक्षित योजना का उद्धघाटन किया। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था बढ़ने की उम्मीद है।
बराक घाटी में 35 लाख लोग निवास करते हैं और यह बांग्लादेश की सीमा से लगी हुई है। यह पर्याप्त संपर्क की कमी के कारण असम के सबसे उपेक्षित और अविकसित हिस्सों में से एक है।
प्रभु ने नई दिल्ली स्थिति रेल भवन से रिमोट कंट्रोल के जरिए लुमडिंग-सिलचर हिल खंड पर चलने वाली इस पैसेंजर रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाई।
नई ब्रॉड गेज लाइन लुमडिंग और सिलचर को जोड़ती है, जहां मीटर गेज लाइन 1899 से ही चालू थी। यह त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम के अलावा दक्षिणी असम में लाखों लोगों के लिए जीवनरेखा है।
प्रभु ने रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, “यह ऐतिहासिक पल है कि दक्षिण असम के लोगों का देश के बाकी हिस्सों के साथ एक महत्वपूर्ण रेलमार्ग के जरिए जुड़ाव हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “निकट भविष्य में और पैसेंजर रेलगाड़ियां चलाई जाएंगीं। यह अनवरत संपर्क के लिए बराक घाटी के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगी।”
सिलचर से लोकसभा सदस्य, सुष्मिता देव ने ऐतिहासिक दिन पर घाटी के लोगों को बधाई दी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “बराक घाटी के लिए ऐतिहासिक दिन मैं दिल से उन सभी को बधाई देती हूं, जिन्होंने ब्रॉडगेज परियोजना के सपने को पूरा करने में मदद की है।”
सिलचर रेलवे स्टेशन पर आयोजित आधिकारिक समारोह में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे।
भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंधों का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल के साथ बांग्लादेश से बेहतर जुड़ाव होगा।
रेलगाड़ी में शयनयान, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी और कुर्सीयान कोचों सहित 15 बोगियां हैं। सिलचर और गुवाहाटी के बीच न्यूनतम किराया, बस किराया 600 रुपये की तुलना में 70 रुपये है।
उल्लेखनीय है कि 210 किमी की लुमडिंग-सिलचर परियोजना 1996-97 में स्वीकृत की गई थी और 2004 में इसे एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया था।