पटना, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार के विकास के पथ पर अग्रसर होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में विकास ने जो गति पकड़ी है, वह कायम रहेगी और आगे बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दिए गए 1़ 25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के उपयोग की निगरानी के लिए विशेष समिति बनाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री मंगलवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1़ 25 लाख करोड़ के पैकेज के उपयोग की मॉनिटरिंग के लिए विधानसभा की एक विशेष समिति बनाई जानी चाहिए।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद पाकिस्तान में तो पटाखे तो नहीं छूटे, लेकिन देशभर में पटाखे जरूर फोड़े गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जो सात निश्चय किए थे, उनकी सरकार उन्हें पूरा करने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा, “मैं यहां नौकरी करने के लिए नहीं बैठा हूं, मुझे उन सात निश्चयों को पूरा करना है।”
मुख्यमंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा देना केंद्र सरकार के हाथ में है। केंद्र जो चाहे निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद बिहार को मदद करने की बात कही गई थी, लेकिन मदद नहीं की गई।
नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ चला है। विकास दर 17.6 फीसदी का आंकड़ा बिहार के लिए उत्साहवर्धक है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में बिहार का योगदान वर्ष 2014-15 में 3़ 02 प्रतिशत रहा, जिससे हम संतुष्ट नहीं हैं। इस अनुपात को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव और टोले तक सड़क निर्माण, प्रत्येक घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना और शौचालयों का निर्माण कराना सरकार की प्राथमिकता है।
राज्य में कानून का राज स्थापित होने का दावा करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में कानून का राज है और रहेगा। राज्य में कुछ लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई असर नहीं होगा।