रोहतक/चंडीगढ़, 23 फरवरी (आईएएनएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राज्य में जाट समुदाय को आरक्षण विशेष प्रावधान के तहत दिया जाएगा और ओबीसी कोटे से छेड़छाड़ नहीं होगी।
नौ दिनों तक चले जाट आंदोलन के दौरान आंदोलन ने रोहतक शहर के बहुत सारे इलाकों को एक तरह से उजाड़ दिया है। जाट आंदोलन के बाद पहली बार रोहतक पहुंचे खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार हिंसक गतिविधियों में शामिल लोगों को नहीं छोड़ेगी, लेकिन किसी के खिलाफ भी कोई झूठा मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा।
रोहतक के संक्षिप्त दौरे के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की एक उच्चस्तरीय जांच होगी और इसमें लिप्त पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले उन्हें रोहतक के व्यवसायियों और निवासियों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह वापस लौटने को बाध्य हो हुए और दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए तय 27 फीसद कोटे से छेड़छाड़ नहीं करेगी। सरकार जाटों के आरक्षण के लिए अलग से प्रावधान करेगी। जाट आंदोलन और हिंसा को नहीं रोक पाने को लेकर खट्टर सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है।
ओबीसी कोटे के तहत हरियाणा में जो जातियां हैं, वे जाटों को इस श्रेणी में शामिल करने का विरोध कर रही हैं।
खट्टर ने जोर देकर कहा कि पूरे घटनाक्रम की गहन जांच होगी और साजिशकर्ता उजागर होंगे।
एक बातचीत की क्लिप जो सामने आई है, उसमें एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का निकट सहयोगी कथित रूप से हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि उस क्लिप की बारीकी से जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी राजनीतिक दल या संगठन का कोई भी व्यक्ति पाया जाता है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। आंदोलन के दौरान जिन लोगों ने संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया है उनकी पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हाल के आंदोलन के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान का पूरा मुआवजा देगी। पूरी जानकारी जुटाने के बाद राज्य सरकार इससे लोगों को हुए नुकसान का आकलन करेगी।
खट्टर ने कहा कि आंदोलन के दौरान लापरवाही बरतने के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनके आचरण की जांच के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जाएगी।
इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में सभी स्थानों का धरना खत्म हो गया है और सभी सड़कों से जाम हट गया है।
नौ दिनों तक चले जाट आंदोलन के दौरान 19 लोग मारे गए और 200 घायल हैं।