रोहतक/चंडीगढ़/नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। हरियाणा में आरक्षण के लिए जाटों के आंदोलन में अभूतपूर्व हिंसा के नौ दिन बाद मंगलवार को हालात सामान्य होते दिखे। राज्य में अपेक्षाकृत शांति रही। जाट या तो सड़कों से हट गए या सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग आवागमन के लिए खोल दिए गए और रेल सेवा भी काफी हद तक बहाल हो गई। लेकिन, सुरक्षा बलों को जाटों और गैर जाटों के बीच संघर्ष की आशंका की वजह से पूरी तरह चौकस रहने को कहा गया है।
कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने मंगलवार को कहा कि उसने गुड़गांव और मनेसर संयंत्र में उत्पादन शुरू कर दिया है।
नौ दिनों तक हुई अभूतपूर्व और भयावह हिंसा से लोगों में कितना गुस्सा है, इसका अहसास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मंगलवार को रोहतक में हुआ। रोहतक में कारोबारियों और नागरिकों की नाराजगी इतनी अधिक थी कि खट्टर को वहां से वापस दिल्ली लौटना पड़ा। खट्टर को काले झंडे दिखाए गए।
जाटों के आंदोलन ने रोहतक को तहस-नहस कर दिया है। खट्टर ने कहा कि हरियाणा को दंगे और आगजनी से पंगु बना देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने संवादददाताओं से कहा, “हिसा की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। इसमें शामिल पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
संतुलन बनाने की कवायद में खट्टर ने कहा कि जाटों को विशेष प्रावधान के तहत आरक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्गो (ओबीसी) के लिए निर्धारित 27 फीसदी कोटे को छेड़ा नहीं जाएगा। ओबीसी, जाटों को अपनी सूची में शामिल करने के खिलाफ हैं।
गंभीर और सख्त दिख रहे खट्टर ने कहा, “सरकार (जाट) आरक्षण के लिए अलग से प्रावधान करेगी।”
कांग्रेस के एक नेता के लोगों को भड़काने वाले आडियो क्लिप के बारे में खट्टर ने कहा कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को पहचाना जाएगा और दंडित किया जाएगा।
नई दिल्ली में खट्टर ने जाटों के आरक्षण के मुद्दे पर विचार के लिए गठित उच्चाधिकार समिति की बैठक में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और अन्य मंत्रियों के साथ हिस्सा लिया।
नौ दिनों तक चली हिसा में राज्य में 19 लोग मारे गए हैं और 200 लोग घायल हुए हैं।
राज्य में मंगलवार को भी अधिकांश स्कूल बंद रहे।
तीन दिन के बाद मंगलवार को दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-1) पर यातायात बहाल कर दिया गया। सोमवार को इस राजमार्ग को बाधित करने वाले आंदोलनकारियों पर सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी थी। इसमें तीन लोग मारे गए थे।
पुलिस ने बताया कि एनएच-10 पर भी यातायात बहाल कर दिया गया है।
रोहतक और अन्य जगहों पर कर्फ्यू में ढील दी गई। लेकिन, राज्य के कई इलाकों में जातीय तनाव की स्थिति बनी हुई है।
सरकार ने हिंसा में मारे गए निर्दोष लोगों के घरवालों को 10 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया है।
पीएचडी चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा है कि हिसा की वजह से 34,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
यह उम्मीद की जा रही है कि भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली रेलगाड़ी और बस सेवा गुरुवार से बहाल हो जाएगी। ये सेवाएं हरियाणा से होकर गुजरती हैं।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को हरियाणा सरकार को अगले सोमवार तक जाट आंदोलन पर एक रपट पेश करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एस.के. मित्तल एवं न्यायमूर्ति एच.एस. सिद्धू की पीठ ने भिवानी निवासी मुरारी लाल गुप्ता की जनहित याचिका पर यह निर्देश जारी किया।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि जाट आंदोलन के दौरान राज्य में विधि-व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई थी। आम आदमी को अपने हाल पर छोड़ दिया गया था। पुलिस और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं थी।
राजस्थान के जाट समुदाय ने भी मंगलवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया है। राज्य के समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने इस आंदोलन के केंद्र भरतपुर में कहा, “वार्ता के बाद जाट आंदोलन वापस ले लिया गया है।” सरकार की ओर से चतुर्वेदी ही जाट नेताओं से बातचीत कर रहे थे।
आरक्षण के लिए जारी आंदोलन के तीसरे और अंतिम दिन भरतपुर जिले में जाट आंदोलनकारियों ने एक मालगाड़ी के इंजन में आग लगाने की कोशिश की।
भरतपुर और धौलपुर जिलों को छोड़कर राजस्थान में जाट अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) में शामिल हैं। अब भरतपुर के जाट भी खुद को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
मुंबई से खबर है कि बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत ने जाट समुदाय से शांति बरतने की अपील की है। हरियाणा के हिसार जिले के एक गांव से संबंध रखने वाली मल्लिका ने ट्विटर पर यह आग्रह किया।