नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति की यहां हो रही तीन दिवसीय बैठक में माकपा सदस्यों के बीच झड़प हुई और वरिष्ठ नेताओं के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार को लेकर तीखी नोक-झोक भी हुई।
बैठक में पश्चिम बंगाल में पार्टी की करारी हार के लिए विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया गया। मिश्रा पर यह भी आरोप लगाया गया कि उनके दबाव के कारण कांग्रेस से गठबंधन हुआ, जिससे पार्टी को शर्मिदगी झेलनी पड़ी।
केरल, असम और त्रिपुरा के नेताओं ने प्रस्ताव लाने का समर्थन किया, जिसके तहत गठबंधन के लिए बंगाल ब्रिगेड को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
यह मुद्दा शनिवार और रविवार की बैठकों में प्रमुखता से उठाया गया। पार्टी के कट्टरवादी खेमे ने पूछा कि पार्टी की बंगाल इकाई ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर क्यों जोर दिया जो पहले पारित प्रस्ताव का उल्लंघन था। पहले के प्रस्तावों में राज्य स्तर पर पार्टी (कांग्रेस) के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करने की बात कही गई थी।
वास्तव में मुख्यमंत्री पी.विजयन समेत केरल के कुछ नेताओं ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों माकपा के समान दुश्मन हैं।
इस पर मिश्रा ने कहा कि हार के बावजूद बंगाल में माकपा को 2.5 करोड़ वोट मिले, जो किसी अन्य राज्य में मिले मतों से अधिक हैं।
जाहिर है कि इस टिप्पणी पर केरल और असम समेत अन्य राज्यों के नेता भड़क गए।
बैठक में शनिवार को विचार-विमर्श के दौरान एक समय माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को हस्तक्षेप करना पड़ा और कुछ नेताओं को डांटना पड़ा, जो हार की जिम्मेदारी लेने के लिए बंगाल खेमे पर दबाव डाल रहे थे।
बैठक में बंगाल के नेताओं ने कभी-कभी मिश्रा का समर्थन किया, लेकिन अन्य नेता इस बात पर जोर दे रहे थे कि बंगाल के अलावा अन्य किसी राज्य ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने की पार्टी की स्थापित और पारंपरिक नीति का उल्लंघन करने का फैसला नहीं किया।
माकपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, “कॉमरेड प्रकाश करात और कई अन्य नेताओं ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का विरोध किया। केरल और त्रिपुरा के नेताओं ने कहा कि इससे जमीन स्तर पर गलत संदेश जाएगा, जबकि विमान बोस और सूर्यकांत मिश्रा के नेतृत्व में बंगाल के नेता कांग्रेस के साथ तालमेल करने की बात पर पर जोर दे रहे थे। हमने भारी कीमत अदा की है।”
बताया जाता है कि माकपा की 91 सदस्यीय केंद्रीय समिति में कम से कम 60 सदस्य कांग्रेस के साथ अनौपचारिक गठबंधन के विरोधी थे।
बैठक में केरल और त्रिपुरा के कुछ नेताओं ने कहा कि बंगाल टीम और खास तौर से विमान बोस और सूर्यकांत मिश्रा जैसे नेता कांग्रेस के साथ गठबंधन को सही नहीं ठहरा सकते हैं, क्योंकि सिर्फ चुनाव जीतना माकपा का उद्देश्य नहीं हो सकता है।