नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। देश की चीनी मिलों ने 92 फीसदी गन्ना बकाया का भुगतान कर दिया है। यह बात बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कही गई।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “देश भर में चीनी सत्र वर्ष 2015-16 के दौरान किसानों का करीब 23 करोड़ टन गन्ना चीनी मिलों ने खरीदा। एफआरपी के अनुसार कुल भुगतान योग्य गóो की कीमत 52,900 करोड़ रुपये है। चालू सत्र में इस राशि में केवल 4,225 करोड़ रुपये बकाया रह गया है। चीनी मील मालिकों ने अपने बकाए के 92 फीसदी हिस्से का भुगतान कर दिया है।”
बयान में कहा गया है, “चालू चीनी सत्र में गóो के कुल बकाया मूल्य का करीब 1,975 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश से संबंधित है, जो बकाये का 14 फीसदी है।”
बयान के मुताबिक, “1600 करोड़ रुपये पांच कंपनियों बजाज, मवाना, मोदी, सिंभावली और राणा पर बकाया है।”
बयान में कहा गया है कि सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में लगभग 96 फीसदी गóो के मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। महाराष्ट्र में केवल 590 करोड़ रुपया बकाया लंबित है। कर्नाटक जैसे अन्य चीनी उत्पादक राज्यों ने किसानों के 94 प्रतिशत बकाये का भुगतान कर दिया है।
चीनी सत्र 2014-15 के दौरान अप्रैल 2015 में किसानों का बकाया बढ़कर 21,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 684 करोड़ रह गया है।
बयान में कहा गया है, “केंद्र सरकार बकाये के मामले पर बराबर नजर रखे हुए है और राज्य सरकारों को इसे तेजी से भुगतान करने की सलाह देती रही है।”