बिलासपुर -मामला बिलासपुर में हुए कांग्रेस के प्रदर्शन से शुरू हुआ, जो पुलिस की बरसती लाठियों और गिरफ्तारियों तक चलता रहा. दरअसल अपने एक बयान में बिलासपुर विधायक और सरकार के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल ने कांग्रेस को कचरा कहा था. मंत्री के बयान से बिफरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बंगले का घेराव कर पहले तो जमकर हंगामा किया और बाद में बंगले पर कचरा फेंककर विरोध जताया.मंत्री के बंगले में कांग्रेसी नेताओं के फेंके गए कचरे और विरोध प्रदर्शन बाद पुलिस ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर सख्ती बरतनी शुरू की. पुलिस ने कांग्रेस भवन पहुंचकर कांग्रेसी नेताओं पर गुस्सा निकाला. पुलिस की ये सख्ती किसी बर्बरता से कम नजर नहीं आई. पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजी. पुलिस की लाठियां उस वक्त भी नहीं थमी, जब लाठियों के चोट से कांग्रेसी नेता गश खाकर गिरते रहे. पुलिस को इस बात की भी फिक्र नहीं दिखी कि उनकी निर्ममता की ये तस्वीरें कैमरे में कैद हो रही हैं.
कांग्रेसी नेताओं पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कड़ा ऐतराज जताया है. बघेल ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्य़क्षता में न्यायिक जांच की मांग की है.
इधर बीजेपी के जिला इकाई ने प्रेस रिलीज जारी कर पूरी घटना के लिए कांग्रेसी नेताओं के साथ-साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. बीजेपी ने कहा है कि मंत्री अमर अग्रवाल के निजी आवास में गंदगी और कचरा फेंका जाना जायज नहीं है. लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी को है, लेकिन ऐसा विरोध कि घर के भीतर कचरा फेंक दिया जाए यह निम्न स्तर को दर्शाता है. बीजेपी नेता प्रवीण दुबे, राजेंद्र भंडारी ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि मलयुक्त गंदगी फेंकना, गुंडागर्दी करना यही कांग्रेस का मूल चरित्र है. यही वजह है कि कांग्रेस पिछले 20 सालों से सत्ता से दूर है.