अनिल सिंह भोपाल से – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भोपाल के अपने मीडिया केंद्र विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों की दो दिवसीय गोष्ठी आयोजित की.अभी भी सभी भ्रमित हैं की आखिर यह है क्या?गोष्ठी,पत्रकार वार्ता या अपने आप को मीडिया से जुड़ने की कवायद.लेकिन कवायद का यह कैसा स्वरूप.
इस कार्यक्रम में भोपाल के नामी बैनरों के पत्रकार आमंत्रित किये गए लेकिन खबर किसी भी अखबार में नहीं छपी.पत्रकारों में डेस्क के पत्रकार आमंत्रित किये गए थे.इस कार्यशाला में पत्रकारों को संघ के पदाधिकारियों के पदों के संबन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी एवं सम्बंधित साहित्य वितरित किया गया.
इस मीडिया कार्यशाला से यह सन्देश गया की संघ अब मीडिया में अपनी बातों को प्रस्तुत करना चाहता है.अभी तक संघ मीडिया से एक निश्चित दूरी बना कर रखता रहा है.लेकिन अब उसने संकेत दिए हैं की वह पत्रकारों से नजदीकियां बढाने के पक्ष में है.लेकिन इस कार्यशाला के तरीके को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं जिन पत्रकारों को बुलाया गया जब उनका पत्रकारिता का क्षेत्र बदल जाएगा तब वे संघ से प्रदत्त ज्ञान का उपयोग नहीं कर पायेंगे और फिर वही क्रियाविधि आरम्भ करनी होगी.
पत्रकारों के साथ गुफ्तगू लेकिन छपास नहीं यह भी संघ के मीडिया से जुड़ने के संकोच को प्रदर्शित करता है.आखिर जब हम कार्य कर रहे हैं वह भी राष्ट्र एवं समाज के लिए तो मीडिया से परहेज क्यों ?इस प्रश्न पर सभी पदाधिकारी कुछ नहीं बोले.
इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता श्री अरुण कुमार जी थे जो राष्ट्रीय सह-संपर्क प्रमुख के पद पर हैं.इन्होने कहा की हम पत्रकारों से संबंद्ध बढ़ाना चाहते हैं.अभी तक पत्रकार हमसे दूर रहे और हम पत्रकारों से.हम चाहते हैं की हमारी बात आप लोगों तक पहुंचे और उसी रूप में जो कही गयी है .हम शंका-कुशंकाओं के समाधान के लिए संपर्क बढाना चाहते हैं.छुआ-छूत को लेकर उन्होंने कहा की भ्रम है हमारे लिए कोई अछूत नहीं है अपितु कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने हमारे सम्बन्ध में भ्रम फैला रखा हुआ है. अरुण कुमार जी ने कहा की उत्तर-पूर्वी राज्यों को बचाने में संघ ने मदद की थी उस समय इंदिरा गांधी ने संघ से मदद मांगी एवं उसे जमीन उत्तर-पूर्व में दी जहाँ हमने शालाओं का परिचालन शुरू किया.इस तारतम्य में नरसिम्हा राव जी ने हमसे मदद राष्ट्र हित में ली थी.