लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के अपने बजट में भारत के खिलाफ आग उगलने वाले जमात-उद-दावा [जेयूडी] के सबसे बड़े केंद्र को करोड़ों रुपये आवंटित किए हैं। जेयूडी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है।
जमात के केंद्र मरकज-ए-तैयबा को छह करोड़ रुपये आर्थिक मदद के रूप में देने के अलावा प्रांतीय सरकार ने केंद्र में नॉलेज पार्क स्थापित करने और अन्य विकास कार्य के लिए 35 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किए हैं। जमात का यह केंद्र लाहौर के बाहरी इलाके मुदिरके में है। मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन सरकार ने सोमवार को पंजाब विधानसभा में अपना बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मुज्तबा शौजर रहमान ने कहा कि प्रांतीय सरकार मुदिरके में नॉलेज पार्क को स्थापित करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाने के बाद पंजाब सरकार ने मुदिरके में जमात के केंद्र को अपने नियंत्रण में ले लिया था। उस समय भी पंजाब में पीएमएल-एन की सरकार थी। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2009-10 के बजट में जमात के कई केंद्रों के प्रबंधन के लिए 8.2 करोड़ रुपये आवंटित किया था। वित्तीय वर्ष 2010-11 में मुख्यमंत्री शरीफ ने अपनी विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए मरकज की छह संस्थाओं को 7.9 करोड़ रुपये और विशेष अनुदान के तहत पंजाब में जमात के अल दावा स्कूल को 30 लाख रुपये आवंटित किए थे।
तब अधिकारियों ने कहा था कि जमात द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों और अस्पतालों की मदद के लिए यह आवंटन जरूरी था। जमात-उद-दावा और इसके मुखिया हाफिज सईद पर औपचारिक तौर पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अमेरिका द्वारा सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखे जाने के बावजूद वह लाहौर में खुलेआम घूमता है।