नए बैंक लाइसेंस के लिए हलचल तेज हो गई है। रेलिगेयर और आईडीएफसी के प्रोमोटरों ने रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक अपनी हिस्सेदारी कम करने का ऐलान किया है। 1 जुलाई तक नए बैंक दावेदारों को बैंक लाइसेंस के लिए अर्जी देनी है।
आज रेलिगेयर और आईडीएफसी के शेयर में 2 फीसदी तक की शानदार तेजी है। दरअसल ये दोनों कंपनियां बैंक लाइसेंस पाने की सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं और नियमों पर खरा उतरने के लिए दोनों कंपनियों ने तैयारी शुरू कर दी है। रेलिगेयर के प्रोमोटर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 49 फीसदी करने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके लिए उन्हें 22.75 फीसदी हिस्सेदारी बेचनी होगी जिसकी कीमत करीब 1,000 करोड़ रुपये होगी।
एक और बड़ी कंपनी आईडीएफसी के बोर्ड ने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आरबीआई को दिए जाने वाले अर्जी को मंजूरी दे दी है। आईडीएफसी के एमडी और सीईओ विक्रम लिमये ने बताया कि बैंकिंग लाइसेंस की तैयारी के तहत कंपनी जून अंत तक बैंकिंग लाइसेंस के लिए अर्जी देगी। साथ ही बैंक को बढ़ाने की रणनीति पर आगे विचार किया जाएगा। हालांकि अभी किसी अधिग्रहण के बारे में बात करना ठीक नहीं है और कारोबार बढ़ाने पर भी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस देने के लिए 9 साल के बाद अर्जियां मंगाई हैं और इसके लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख 1 जुलाई है। इन दोनों कंपनियों के अलावा श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस, एलएंटडी फाइनेंस, एमएंडएम फाइनेंशियल और बजाज फिनसर्व भी बैंकिंग लाइसेंस पाने की दौड़ में शामिल हैं।
के आर चौकसी सिक्योरिटीज के देवेन चोकसी को लगता है कि आईडीएफसी के शेयर खरीदने चाहिए क्योंकि इसे बैंकिंग लाइसेंस मिलना पक्का है। साथ ही उन्होंने श्रीराम ट्रांसपोर्ट और बजाज फिनसर्व पर भी नजर रखने को कहा है। देवेन चोकसी के मुताबिक लंबी अवधि में बैंकिंग लाइसेंस पाने वाली कंपनियों के शेयरों में अच्छा रिटर्न मिलेगा।