अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को मुहर्रम के दौरान लोग अशुरा (धार्मिक रिवाज) में व्यस्त थे कि तभी धमाके हुए जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बयान जारी कर कहा, “इन कायराना हमलों में शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया। ये हमले स्पष्ट रूप से अफगानिस्तान में धार्मिक तनाव बढ़ाने के लिए ही थे।”
प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों की प्रशंसा की है जो जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं।
अमेरिका, अफगानिस्तान सरकार और उनके लोगों के साथ खड़ा है ताकि हम साथ मिलकर एक अधिक सुरक्षित, स्थाई और समृद्ध अफगानिस्तान बना सके।