लखनऊ, 29 अगस्त (आईएएनएस)। धर्म गुरुओं ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने साल 1990 में अयोध्या में कार सेवकों पर की गई ‘फायरिंग’ को उचित ठहराया था। इस गोलीकांड में 16 कार सेवकों की मौत हो गई थी।
मुलायम सिंह यादव ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि देश की अखंडता के लिए 16 क्या, अगर 30 लोग भी मर गए होते तो उन्हें कोई अफसोस नहीं होता।
समाजवादी नेता ने यह बात एक पुस्तक के विमोचन के दौरान अयोध्या में कार सेवकों पर 30 अक्टूबर, 1990 को सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी का जिक्र करते हुए कही थी। उन्होंने का था कि कार सेवक बाबरी मस्जिद पर धावा बोलने की कोशिश कर रहे थे।
उस समय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
जगदगुरु रामानंदाचार्य व स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि अल्पसंख्यकों के वोट के लिए मुलायम को इतना कठोर नहीं होना चाहिए था।
वहीं, रामवल्लभकुंज के राज कुमार दास ने इस बयान के जरिए कार सेवकों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि मुलायम को गंभीर परिणाम भुगतना होगा।
अयोध्या में हनुमानगढ़ी के प्रशासक रामदास ने कहा कि साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश में वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं और खुद को मुसलमानों के एक चैंपियन के रूप में पेश कर रहे हैं।
बयान से आहत विश्व हिंदू परिषद ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।