गुवाहाटी, 12 मई (आईएएनएस)। असम कांग्रेस विधायक दल (एसीएलपी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राज्य के नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स (एनआरसी) के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में एनआरसी दावों व आपत्ति प्रक्रिया धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
एनआरसी अधिकारियों ने असम में बीते सप्ताह कुछ नागरिकों के संदर्भ में उठाई गई आपत्तियों को सुनना शुरू किया है। जिन लोगों के खिलाफ आपत्तियां उठाई गई थीं, वह संबंधित जगहों पर मौजूद रहे, लेकिन आपत्तिकर्ता पहुंचने में असफल रहे। इससे आपत्ति प्रक्रिया की प्रमाणिकता पर सवाल उठे।
विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने ज्ञापन में कहा, “कोई भी व्यक्ति जो भारत 25 मार्च 1971 को या उसके बाद आया है उसे विदेशी माना जाएगा, इसलिए उसे एनआरसी से बाहर किया गया है। वास्तविक भारतीय नागरिकों को तथाकथित आपत्तियों के कारण परेशान नहीं किया जाना चाहिए और सुनवाई के लिए इन्हें दूर की जगहों पर बुलाया जाना पूरी तरह से नियमों व कानून का उल्लंघन है।”
सैकिया ने कहा कि लोगों को दावों व आपत्तियों की सुनवाई के लिए दूर-दराज के जगहों पर बुलाया जा रहा है, जिससे उनका मानसिक, शारीरिक व वित्तीय उत्पीड़न हो रहा है।