नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कहा है कि वह देश से बाहर जाने वाली अवैध पूंजी के प्रवाह से संबंधित आकड़े प्रवर्तन अधिकारियों के साथ साझा करने के लिए एक प्रणाली विकसित करे।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि एसआईटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एम. बी. शाह ने 11 अगस्त को लिखे एक पत्र में आरबीआई के गर्वनर रघुराम राजन से कहा है कि केन्द्रीय बैंक राजस्व विभाग के साथ विचार-विमर्श कर एक ऐसी संस्थागत प्रणाली विकसित करे, जिस पर विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी लेनदेन, निर्यात के मद में हुए देश से बाहर पड़े भुगतान तथा आयात के मद में किए गए अग्रिम भुगतान के आंकड़े ऑनलाइन साझा किए जा सकें।
बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा, “इस डेटाबेस तक प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों की पहुंच होनी चाहिए, ताकि उपरोक्त विश्लेषण किया जा सके।”
वर्तमान में आरबीआई के पास सभी प्रकार के विदेशी मुद्रा लेनदेन की जानकारी होती है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बने विशेष जांच दल का मानना है कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों, खासतौर से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान होना चाहिए।
बयान में कहा गया है, “इन आकंड़ों को किसी एक एजेंसी जैसे केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीइआईबी) या किसी और एजेंसी को दिया जा सकता है और वे आंकड़ों को एक जगह एकत्र रख सकते हैं, ताकि जिस एजेंसी को जरूरत हो, वह उन आंकड़ों को देख सके।”