आसाराम प्रकरण में पुलिस लगातार चूक कर रही है। इस बार पुलिस की गलती की वजह से चार लोग उसकी गिरफ्त से छूट गए।
शाहजहांपुर के एक स्कूल में पीड़िता की टीसी निकलवाने के लिए शुक्रवार को लखनऊ से चार लोग यहां आए थे। इन लोगों ने प्रधानाचार्य पर टीसी देने के लिए काफी दबाव बनाया था। धमकाया भी था।
सूचना मिलने पर कोतवाली से दो सब इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंच गए। प्रधानाचार्य ने पुलिस को बताया कि ये लोग उन्हें धमका रहे हैं।
बावजूद इसके पुलिस ने चारों को कोतवाली लाकर छानबीन करने की जरूरत नहीं समझी और चारों को वहां से भगा दिया।
अगले दिन समाचार पत्रों और टीवी पर समाचार देख शनिवार को पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ और कोतवाली से एक पुलिसकर्मी ने स्कूल जाकर प्रधानाचार्य से तहरीर ली इसके बाद चारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
उल्लेखनीय है कि आसाराम बापू एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में जेल में बंद हैं।
न्यूयॉर्क से फोन पंजाब के सुखविंदर का था
इधर शनिवार को पीड़िता के पिता को आर्थिक मदद देने का ऑफर देने वाले का नाम-पता मालूम हो गया है।
रविवार की सुबह दस बजे उसका फोन फिर आया। मूलरूप से पंजाब-हरियाणा वार्डर स्थित कैथल के रहने वाले सुखविंदर ने बताया कि वह वास्तव में उनके हमदर्द हैं।
उन्होंने कहा कि वे लोग उनकी खबरें इंटरनेट पर पढ़ते रहते थे। इसलिए सोचा कि मदद कर दूं। उनकी मंशा गलत नहीं है।
पीड़िता के पिता का कहना है कि हो सकता है कि पुलिस ने फोन करने वाले का नंबर तलाश लिया हो और उससे बात भी की हो, इसलिए आज भी उसका फोन आया था।
हालांकि उन्होंने आज भी आर्थिक मदद लेने से साफ मना कर दिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पीड़िता के परिवार को मदद करने के लिए हरियाणा के खाप (पंचायत) प्रमुख उम्मेद सिंह हुड्डा ने भी इच्छा जताई थी