नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के दो बड़े फैशन आयोजनों- अमेजन इंडिया फैशन वीक (एआईएफडब्लू) और लक्मे फैशन वीक (एलएफडब्लू) ने इस साल फैशन परस्त लोगों में कौतूहल बनाए रखा। एआईएफडब्लू का आयोजन जहां नई दिल्ली में किया गया तो वहीं मुंबई में एलएफडब्लू ने अपनी 15वीं वर्षगांठ मनाई। लेकिन क्या ये फैशन वीक अपने समकक्ष विदेशी फैशन आयोजनों की तरह ग्राहकों का आकर्षण खोते जा रहे हैं?
नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के दो बड़े फैशन आयोजनों- अमेजन इंडिया फैशन वीक (एआईएफडब्लू) और लक्मे फैशन वीक (एलएफडब्लू) ने इस साल फैशन परस्त लोगों में कौतूहल बनाए रखा। एआईएफडब्लू का आयोजन जहां नई दिल्ली में किया गया तो वहीं मुंबई में एलएफडब्लू ने अपनी 15वीं वर्षगांठ मनाई। लेकिन क्या ये फैशन वीक अपने समकक्ष विदेशी फैशन आयोजनों की तरह ग्राहकों का आकर्षण खोते जा रहे हैं?
देश की पहली मिस इंडिया और अब फैशन सलाहकार बन चुकी मेहर कास्टेलिनो ने आईएएनएस को बताया, “फिलहाल, देश में फैशन वीक कारगर है। लेकिन समय बढ़ने के साथ-साथ ये अपना आकर्षण खो सकते हैं। जैसा कि विश्व भर के फैशन कार्यक्रमों के साथ हो रहा है। समय के साथ-साथ ग्राहकों की रूचि भी इसमें कम हो सकती है।”
“पूरे विश्व में फैशन वीक अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए काफी संघर्ष कर रहे हैं। बर्लिन के सबसे बड़े फैशन आयोजन ‘ब्रेड एंड बटर’ ने अपनी चमक खो दी है। इसी तरह डसलडॉर्फ के फैशन आयोजन ‘इगीडो’ का दौर भी खत्म हो गया है।”
भारत में फैशन वीक की अवधारणा अलग है। फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई), सौंदर्य प्रसाधन की प्रमुख कंपनी लक्मे और आयोजन प्रबंधन एजेंसी आईएमजी ने अगस्त 2000 में एक संयुक्त उपक्रम के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन 2005 में ये तीनों अलग हो गए। इसके एक साल बाद एफडीसीआई ने नई दिल्ली में फैशन आयोजनों को जारी रखा, जबकि एलएफडब्लू ने मुंबई में अपने फैशन आयोजन करने शुरू कर दिए।
एलएफडब्लू की खासियत यह है कि यह ‘जेन नेक्सट’ नाम से युवा डिजाइनरों को एक मंच प्रदान करता है। परंपरागत हथकरघे को बढ़ावा देने के लिए यह विशेष रूप से भारतीय वस्त्र दिवस पर भी जोर देता है। लक्मे के आयोजनों में हिदी फिल्म जगत के नामचीन सितारों के आने से यह शो को अधिक आकर्षक भी बनाता है।
फैशन लेखक और उद्घोषक जयदीप घोष ने आईएएनएस को बताया, “एलएफडब्लू ‘जेन नेक्सट’ युवा प्रतिभाओं के लिए एक बेहतरीन मंच बन गया है। राहुल मिश्रा, अनीत अरोड़ा जैसे कई प्रतिभाशाली डिजाइनरों ने एलएफडब्लू से ही अपनी शुरुआत की।”
एफडीसीआई अध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि नए डिजाइनरों के लिए निर्धारित सुबह के समय की बजाए इस बार उन्हें दोपहर के समय में अपने शो का आयोजन करने का अवसर दिया गया है ताकि वे अधिक से अधिक लोगों तक अपनी प्रतिभा को पहुंचा सके।
“हमने उन लोगों को एक अवसर देना चाहते हैं, जिन्होंने पहले हमारे साथ कभी काम नहीं किया है और जिनका ब्रांड लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं है। वे इस कारोबार में नए हैं और हमारे सदस्य भी नहीं है।”
पिछले संस्करणों की तुलना में एआईएफडब्लू के ताजा संस्करण में डिजाइनरों ने कम प्रस्तुतियां दी हैं। यहां तक कि हिदी फिल्म जगत के कलाकारों की उपस्थिति भी कम रही। इसे एक बदलाव के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें फिल्म जगत की नामचीन हस्तियों पर कम फैशन पर अधिक ध्यान दिया गया।
सेठी ने कहा कि यूरोप में मंदी के बावजूद इस बार खरीदारों की संख्या उम्मीद से बेहतर रही।
उन्होंने बताया, “इस बार हमारे खरीदारों की संख्या 200 को पार कर गई है और ये सभी खरीदार गुणवत्ताधारी थे।”
सेठी ने कहा, “‘ब्राउन्स ऑफ लंदन’ ने काफी सालों बाद शो में शिरकत की। ‘सेल्फ्रीजेज’ और अमेरिकी खरीदार ‘एंथ्रोपॉलोजी’ ने 10 से 12 डिजाइनरों के साथ लेनदेन संबंधी अनुबंध किए। जापान से पांच लोगों ने और अधिकरतर मध्य पूर्वी देशों के खरीदारों ने खरीदारी की। कुल मिलाकर यह एक अच्छा सकारात्मक कारोबारी आयोजन रहा।”
डिजाइनरों का जहां तक सवाल है, 100 से अधिक प्रख्यात और उभरते हुए डिजाइनरों ने इसमें हिस्सा लिया। इनमें से सिर्फ 25 डिजाइनरों ने एआईएफडब्लू की 25वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए रनवे पर अपनी प्रस्तुतियां पेश की।
प्रमुख डिजाइनर वेंडेल रॉड्रिक्स ने आईएएनएस को बताया, “कार्यक्रम में कम लेकिन गुणवत्ताधारी शो होना बहुत जरूरी है।”
दोनों फैशन वीक ने समाज में स्वयं के लिए एक मुकाम बनाया है।