मुबंई, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आईआईटी-बंबई के छात्रों द्वारा बनाए गए उपग्रह ‘प्रथम’ सहित आठ उपग्रहों को सोमवार को छोड़ेगा। इसमें मौसम उपग्रह भी शामिल है।
एक अधिकारी ने बताया कि आईआईटी-बांबे को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शोध का केंद्र बनाने के उद्देश्य से साल 2008 में इसकी परिकल्पना की गई थी। इस उपग्रह का भार सिर्फ 10 किग्रा है और इसे 30 सीएमएस के एक घन में फिट किया जाएगा। इसका जीवन काल चार महीने है।
अधिकारी ने कहा ,”प्रथम का उद्देश्य छात्रों को उपग्रह बनाने के कौशल सहित कई चरणों संरचना, विश्लेषण, निर्माण और परीक्षण आदि में सम्मलित करना और सशक्त बनाना है। “
इस परियोजना से आईआईटी-बंबई और अंतरिक्ष क्षेत्र में रुचि लेने के लिए दूसरे भारतीय विश्वविद्यालयों बीच सहयोग की शुरुआत होगी। इससे ज्ञान और सुविधाओं को बांटने का मौका मिलेगा।
इसने कई कॉलेजों को उपग्रह के जमीनी स्टेशन पर नजर रखने के लिए प्रेरित किया है। इसमें अथर्व इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल है।
आईआईटी-बंबई ने इस परियोजना के लिए कुछ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों यूसीएल, लंदन और आईपीजीपी, पेरिस से सहयोग किया था।
‘प्रथम’ जब भारत के ऊपर से गुजरेगा तो आकड़े भेजेगा और किसी विश्वविद्यालय के छोटे भूकेंद्र से इसके संकेत मिलेंगे। इससे टोटल इलेक्ट्रान काउंटस (टीईसी) भूकेंद्र पर शिक्षा प्रक्रिया के तहत छात्रों को जागरूक करने का काम करेगा।
‘प्रथम’ में तीन मोनोपोल्स, जीपीएस, मैग्नोमीटर, सन सेंसर, मैग्नेटोक्वार्स और यह ली-आयन बैटरी और चार सोलर पैनल लगे हैं।