जिलाधिकारी ने देवरान गांव को दिसंबर, 2014 में गोद लिया था। इस गांव में मात्र 15 बच्चों का पोषण स्तर सुधरा है। यहां चार आंगनबाड़ी सेविकाएं और पांच आशाएं कार्यरत हैं।
इस माह गांव में 0-5 वर्ष के 596 बच्चे हैं, जिनमें से 202 बच्चे आंशिक रूप से कुपोषित हैं। 52 महिलाएं एनीमिक हैं, यानी उनमें खून की कमी है। ग्राम सभा में 858 परिवार हैं, जिनमें से 415 घरों में शौचालय बने हैं, लेकिन 306 लाभार्थीो शौचालय का उपयोग नहीं करते, उन्हें खुले में ही ठीक लगता है।
जिलाधिकारी ने गांव के निरीक्षण के बाद एएनएम आशाओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं व सुपरवाइजरों को निर्देशित किया है कि गांव में कोई भी लाभार्थी स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे।
इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और बाल विकास परियोजना के प्रभारी अधिकारी राममूर्ति वर्मा के अलावा एएनएम आशाएं व ग्राम पंचायत के अधिकारी उपस्थित थे।