लखनऊ, 11 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के कानपुर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के महासंपर्क अभियान की समीक्षा करने निर्धारित समय से विलंब से पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को काफी विरोध झेलना पड़ा। बैठक से कई बड़े नेता नदारद दिखाई दिए।
इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने शाह को काले झंडे दिखाए।
इन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने शाह के कानपुर पहुंचते ही जगह-जगह पर काले झंडे और बड़े-बड़े काले गुब्बारे दिखाए।
कानपुर में समीक्षा बैठक के आयोजन स्थल के बाहर भी आप के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में अमित शाह का विरोध करने पहुंचे। इस दौरान आप और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हो गई।
सपा के लोग भी जगह-जगह काले झंडे लेकर खड़े थे। ये लोग ‘अमित शाह वापस जाओ’ के नारे लगा रहे थे।
सच तो यह है कि कानपुर में भाजपा के महासंपर्क अभियान की समीक्षा बैठक से वहां के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने ही किनारा कर लिया। इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और उनके सांसद पुत्र वरुण गांधी भी नहीं पहुंचे।
समीक्षा बैठक से ठीक पहले भाजपा के होर्डिग व पोस्टरों में छपे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के चेहरे पर कालिख पुती देखी गई। पोस्टरों में छपे अन्य चेहरों को मगर बख्श दिया गया था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं को सभी होर्डिग व पोस्टरों पर लगी कालिख हटाने के निर्देश दिए।
कानपुर में रकेट तिराहा, हीर पैलेस सिनेमा हॉल तथा नरौना चौराहे पर लगे होर्डिग्स पर कालिख पोती गई है। इन सभी होर्डिग में अन्य नेताओं की तस्वीरें भी हैं, लेकिन कालिख सिर्फ मोदी और शाह की तस्वीरों पर पोती गई है। इससे प्रतीत होता है कि पार्टी के अंदर मोदी और शाह के विरोधियों ने यह कारनामा किया होगा।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि मोदी और शाह के पोस्टरों पर कालिख पोतने जैसा काम अराजक तत्व ही कर सकते हैं। केंद्र सरकार की उपलब्धियां ऐसे लोगों को पच नहीं रही हैं।
इस घटना के पीछे भाजपा के लोगों के शामिल होने के सवाल पर श्रीवास्तव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भाजपा का कोई कार्यकर्ता ऐसा करेगा। यह अराजक तत्वों का काम है, जो अहम बैठक से ध्यान भटकाना चाहते हैं।”