पुलिस कप्तान राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह ने दलबल के साथ मलवां थाना क्षेत्र के मीरमऊ मोड़ के समीप घेराबंदी की। सूचना मिली थी कि अमरजीत सिंह, समरजीत सिंह व अनुज सिंह भारी मात्रा में अपमिश्रित शराब बनाने के लिए ओपी लेकर टाटा सफारी यूपी 71 पी-1600 से अपने गांव आ रहे हैं। इस वाहन में अभियुक्तों के अलावा कल्लू भी बैठा है।
पुलिस ने मीरमऊ मोड़ के पास वाहन को रोकने का प्रयास किया, जिस पर सभी आरोपी वाहन छोड़कर भाग निकले। तलाशी लेने पर 7 ड्रम ओपी (लगभग 500 लीटर), 36 अदद पावर हाउस शराब के रैपर, 150 अदद प्लास्टिक की खाली बोतल, ढक्कन, कार्क और 10 किलो यूरिया बरामद हुई है।
पुलिस ने फरार आरोपियों के खिलाफ धारा- 272/273/419/420/467/471/472/468 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने उस टाटा सफारी को भी अपने कब्जे मे ले लिया है, जिसमें यह अवैध सामग्री लादकर लाई जा रही थी।
पुलिस कप्तान मेहरोत्रा ने बताया कि जिले में नकली शराब बेचने के कारोबार की जानकारी उन्हें मिली थी। नकली शराब बनाकर उसे असली के रूप में आसपास तथा अन्य जनपदों मे बेचा जाता है। ऐसे मे इस शराब की खपत चुनाव के दौरान और भी बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि इस शराब से गरीब और सामान्य वर्ग के पियक्कड़ों की मौत होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। भगोड़े शराब तस्करों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
कप्तान ने बताया कि उपलब्धि हासिल करने वाले टीम के सदस्य वंदना सिंह, मलवां थानाध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव, उपनिरीक्षक हरिश्चंद्र यादव, आरक्षी सतेंद्र पाण्डेय, शाहनवाज, सूबा लाल और उमेश कुमार सिंह को उनके द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
गौरतलब है कि इसी गांव मे महीने भर पहले तत्कालीन पुलिस कप्तान अनीस अहमद अंसारी के निर्देश पर छापा मारकर भारी मात्रा मे नकली शराब और उसे बनाने के उपकरण सहित माफिया सरगना गिरफ्तार किया गया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष मुन्ना बाबू निरंजन की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हे निलंबित किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा थानाध्यक्ष भी फिर से नकली शराब बनाए जाने के कारोबार से अनभिज्ञ नहीं थे। मीरमऊ मंे रोजाना लाखों रुपये की नकली शराब बनाने का कारोबार कई वर्षो से चल रहा है। इसमें आबकारी विभाग भी शामिल बताया जाता है। इतना बड़ा कारोबार होने के बावजूद आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किया जाना उसकी संलिप्तता उजागर करता है।