उत्तर प्रदेश- विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 28 सीटों के चुनाव में रविवार (6 मार्च) सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए 23 सीटों पर कब्जा कर लिया और आठ सीटों पर पहले ही निर्विरोध विजय प्राप्त कर चुकी इस पार्टी को अब उच्च सदन में भी बहुमत हासिल हो गया। इन चुनाव नतीजों से विपक्षी दलों को करारा झटका लगा है। मुख्य विपक्षी दल बसपा को जहां मात्र दो सीटें मिलीं वहीं, भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में निर्दलीय प्रत्याशी माफिया डॉन बृजेश सिंह ने सपा प्रत्याशी मीना सिंह को पराजित किया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में पार्टी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने जीत हासिल की।
इसके साथ ही सत्तारूढ़ सपा को 100 सदस्यीय विधान परिषद में भी बहुमत हासिल हो गया है। इस चुनाव से पहले सदन में सपा के 27 सदस्य थे। सपा के आठ प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध घोषित हुए थे। अब सपा ने चुनाव में 23 सीटें और जीत ली हैं। इस तरह उच्च सदन में उसके सदस्यों की संख्या 58 हो गयी है।
कभी विधान परिषद में बहुमत रखने वाली बसपा इस चुनाव में दो सीटें हासिल कर सकी। अब उच्च सदन में उसके सिर्फ 16 सदस्य ही रह गये हैं। भाजपा का एक भी प्रत्याशी विधान परिषद चुनाव में कामयाब नहीं हो सका। उच्च सदन में अब उसे पास सात सदस्य हैं।
इन चुनावों में सूपड़ा साफ़ होने से भाजपा के नीति-निर्देशकों में हडकंप मचा हुआ है.राज्य चुनाव सिर पर हैं और ऐसी अवस्था में ये परिणाम नुकसान दायक साबित हो सकते हैं.भाजपा को जिस विशवास के साथ जनता ने जीत प्रदान की थी यदि इस चुनाव में भाजपा नहीं जीत पाती है तो यह सन्देश जाएगा की जनता ने भाजपा की नीतियों और कार्यों को नकार दिया है.इसका दुष्परिणाम भाजपा पार्टी को भुगतना पड़ेगा.प्रधानमन्त्री का नाम” जुमला मेन” जनता पहले ही रख चुकी है.