नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय मिडफील्डर गुरबाज सिंह और जर्मनी के फॉरवर्ड क्रिस्टोफर रुहर बुधवार को हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) के आगामी संस्करण के लिए हुई नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी रहे।
दोनों ही खिलाड़ियों को रांची रेज ने खरीदा। गुरबाज पर जहां रांची रेज ने 99,000 डॉलर की सफल बोली लगाई, वहीं रुहर 75,000 डॉलर में बिके।
अन्य विदेशी खिलाड़ियों में नीदरलैंड्स के कप्तान और साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड अपने नाम करने वाले रॉबर्ट वान डर होर्स को जेपी पंजाब वॉरियर्स ने 43,000 डॉलर में अपने साथ जोड़ा।
नीदरलैंड्स के ही सीव वान ऐस को उत्तर प्रदेश विजार्ड्स ने 39,000 डॉलर में अपने नाम किया। आस्ट्रेलिया के मिडफील्डर टॉम क्रेग को कलिंगा लांसर्स ने 67,000 डॉलर में खरीदा।
नीदरलैंड्स के मिडफील्डर बिली बाकेर और सैंडर बार्ट को लासंर्स और विजार्ड्स ने क्रमश: 31,000 और 35,000 डॉलर में खरीदा।
कई फ्रेंचाइजियों ने युवा खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया। इन युवा खिलाड़ियों में डिफेंडर हार्दिक सिंह सबसे महंगे रहे। उन्हें वॉरियर्स ने 39,000 डॉलर में खरीदा।
भारत के उभरते खिलाड़ी मिडफील्डर शमशेर सिंह और फॉरवर्ड अजय यादव को विजार्डस ने खरीदा। दोनों को फ्रेंचाइजी ने 2,600-2,600 डॉलर में अपने साथ जोड़ा।
एशिया कप जीतने वाली भारत की अंडर-17 टीम के कप्तान नीलम संदीप जेस को लासंर्स ने 3,000 डॉलर में क्लब में शामिल किया।
नियम के मुताबिक, हर टीम के पास अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को खरीदने के लिए कुल 7,25,000 डॉलर की अधिकतम राशि निर्धारित थी। कम कीमत में अपनी टीम को बनाए रखने के बाद रेज और वॉरियर्स के पास सबसे ज्यादा राशि बची हुई थी।
अधिकतर टीमों ने 20 सदस्यीय टीम ही चुनी है। विजार्ड्स ने पिछले संस्करण में खेलने वाले अपने 15 खिलाड़ियों को टीम में बनाए रखने का फैसला किया और सिर्फ पांच नए खिलाड़ियों के लिए टीम में जगह छोड़ी थी। विजार्ड्स को तीन घरेलू और दो विदेशी खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना था।
नीलामी पर एचआईएल के चेयरमैन और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, “मैं सबसे पहले भारतीय हॉकी के विकास में एचआईएल के योगदान पर जोर देना चाहूंगा। लीग का पेशेवर रवैया शानदार है और इसका पूरा श्रेय फ्रेंचाइजियों को जाता है जिन्होंने अपने काम को अच्छे से अंजाम दिया। यह विश्व हॉकी के लिए प्रेरणा की बात है।”
बत्रा ने कहा, “नीलामी में मैं यह देखकर खुश हूं कि इस साल भी नीलामी की प्रक्रिया से खिलाड़ियों को फायदा हुआ है और टीमों ने खिलाड़ियों की आधार कीमत से ज्यादा बोली लगाई है। यह बताता है कि हर खिलाड़ी कितना प्रतिभाशाली और मूल्यवान है।”