नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। कैलाश सत्यार्थी ने भारतीय परिधान एवं टेक्सटाइल उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला को बाल-मजदूरी से मुक्त बनाने के लिए फैशन डिजाइन काउन्सिल आफ इंडिया के साथ हाथ मिलाए हैं। इस पहल के तहत एक अभियान ‘नोट मेड बाय चिल्ड्रन’ की शुरुआत की गई है। देशी डिजाइनरों को भारत को बाल मजदूरी मुक्त बनाने में योगदान के लिए प्रभावित एवं प्रोत्साहित करना इस अभियान का उद्देश्य है।
एफसीसीआई और फाउंडेशन के इस संयुक्त अभियान की घोषणा नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी तथा एफडीसीआई के अध्यक्ष सुनील सेठी की मौजूदगी में की गई। कार्यक्रम में 15 डिजाइनरों ने एक साथ मिलकर शपथ ली “मैं ऐसे परिधान बनाने की शपथ लेता हूं, जिसमें बाल मजदूरी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यह भारत को बाल मजदूरी से मुक्त बनाने की दिशा में मेरा एक योगदान है।”
इस मौके पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा, “फैशन संस्कृति, रचनात्मकता एवं उत्साह के संयोजन के साथ अपने उंचे उद्देश्यों को हासिल कर सकता है। ‘नोटमेडबायचिल्ड्रन’ एक अनूठा अवसर है जिसके माध्यम से डिजाइनर, ब्राण्ड एवं उपभोक्त अपनी भीतरी और बाहरी खूबसूरती को दुनिया के सामने ला सकते हैं।”
एफडीसीआई प्रेजीडेन्ट सुनील सेठी ने कहा, “यह एसोसिएशन मेरे अैर एफडीसीआई सदस्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि यह फैशन सेक्टर को बाल मजदूरी से मुक्त बनाने की दिशा में पहला कदम है।”