नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार 1984 के सिख-विरोधी दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की वैधता की पड़ताल करेगी।
केजरीवाल ने कहा कि दंगों के दौरान हुई हत्याओं की जांच के लिए उनकी सरकार एक नए एसआईटी के गठन की संभावना भी तलाशेगी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को हुई हत्या के बाद सिखों के खिलाफ भड़के दंगे में 2,700 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर मौतें दिल्ली में हुई थीं।
आप के सदस्य और अधिवक्ता एच. एस. फुल्का के वक्तव्य का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के पास एसआईटी के गठन का अधिकार नहीं है।
केजरीवाल ने कहा, “मैं इस बात की छानबीन कराऊंगा कि क्या दिल्ली सरकार एसआईटी गठित कर सकती है और क्या केंद्र सरकार द्वारा गठित एसआईटी अवैध है।”
आप सदस्य फुल्का ने यह मुद्दा तिलक नगर में दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित समारोह में उठाया था, जहां सिख विरोधी दंगों के परिवारों को पांच लाख रुपये का बढ़ा मुआवजा वितरित किया गया था।
केजरीवाल ने कहा, “मुझे एसआईटी के गठन से रोकने के लिए उन्होंने मेरी सरकार बनने से एक दिन पहले ही एक एसआईटी गठित कर दी।”
दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतकर आप सरकार ने इस वर्ष 14 फरवरी को सत्ता संभाली थी।
2013-14 में अपने पूर्व कार्यकाल में भी आप सरकार ने एक एसआईटी जांच के आदेश दिए थे, लेकिन मुख्यमंत्री पद से केजरीवाल के इस्तीफे के कारण यह संभव नहीं हो पाया था।
केजरीवाल ने कहा, “उन्होंने एसआईटी का गठन क्यों किया? क्योंकि उन्हें डर था कि केजरीवाल ईमानदार अधिकारियों का जांच दल गठित करेगा और दोषियों को जेल भेज देगा।”