तिरुवनंतपुरम, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। शीर्ष व्यापार संगठन एसोचैम ने सोमवार को कहा कि अगले पांच साल में विकास दर को दहाई अंक में पहुंचाने के लिए केरल को 30 लाख नौकरियां सृजित करने और छह लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना चाहिए।
एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचेम) ने केरल की भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा सरकार के लिए अपनी ‘दीर्घकालिक कार्य योजना’ में कहा कि यह दस्तावेज केरल की नई सरकार के लिए ‘कार्रवाई एजेंडा’ है।
व्यापार एवं वाणिज्य की शीर्ष संस्था ने कहा कि साल 2005-06 में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में केरल का योगदान चार प्रतिशत था, जो साल 2011-12 में घटकर 3.8 प्रतिशत हो गया था।
केरल की सालाना चक्रवृद्धि विकास दर साल 2004 से 2014 के बीच करीब सात प्रतिशत थी।
एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा, “श्रम अधिक महंगे होने के कारण केरल के उद्योग और सेवा क्षेत्रों के विकास बाधित हुए। रोजगार सृजन की एक संभावना के साथ केरल की नई सरकार को समुचित विकास सुनिश्चित करना चाहिए।”
एसोचैम ने अपने दस्तावेज में अनेक मुद्दों जैसे भूमि उपलब्धता की कमी और नए उद्योगों के लिए बिजली की अपर्याप्त आपूर्ति, परिवहन का कमजोर ढांचा, नए निजी निवेशकों को आकर्षित करने में विफलता, पारंपरिक और प्रमुख उद्योगों का खस्ताहाल और लघु और मध्यम उद्योगों के लिए वित्त संबंधी समस्याओं पर प्रकाश डाला है।
विगत कुछ वर्षो में केरल के औद्योगिक क्षेत्र का निष्पादन अच्छा नहीं रहा। राज्य की अर्थव्यवस्था में साल 204-05 में इस क्षेत्र की 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो साल 2013-14 में घटकर 20 प्रतिशत हो गई।
औद्योगिक क्षेत्र पर श्रमिकों की निर्भरता भी चार प्रतिशत से घटकर केवल दो प्रतिशत रह गई है।
एसोचैम ने कहा कि राज्य के पिछड़े और अविकसित इलाकों में संचालन करने की इच्छुक कंपनियों को सब्सिडी और प्रलोभन देना चाहिए और आधारभूत संरचना आधारित कंपनियों को कर रियायतें देने के लिए विशेष श्रेणी में शामिल करना चाहिए।
एक अन्य सुझाव में नवीकरणीय उर्जा के स्रोतों और बिजली बचाने वाले उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने और दूर दराज के ग्रामीण इलाकों को ब्रॉड बैंड से जोड़ने को कहा गया है।
एसोचैम ने कहा कि सरकार को कृषि विकास में ह्रास के कारणों का पता लगाना चाहिए और जिम्मेदार कारकों पर ध्यान देना चाहिए।
केरल में श्रमिकों की बढ़ती कमी को दूर करने में प्रवासी श्रमिकों की भूमिका पर विचार करते हुए एसोचैम ने कहा कि मर्यादित जीवन जीने में मदद करने के लिए राज्य सरकार उन्हें मूल सुविधएं प्रदान करे।