नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। खेल मंत्रालय ने सोमवार को हर साल उम्दा प्रदर्शन करने के लिए भारत सरकार की ओर से दिए जाने वाले पुरस्कारों राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नियमों में कई बड़े बदलाव किए।
नए नियम के तहत, अर्जुन पुरस्कार के लिए गठित चयन समिति के अध्यक्ष उच्चतम या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे। साथ ही पैरा-खेलों से जुड़ा कोई खिलाड़ी, प्रशासक या खेल विशेषज्ञ भी इस समिति का सदस्य होना जरूरी होगा।
खेल मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया, “किसी खेल से जुड़ा कोई एक कोच या पूर्व खिलाड़ी ही चयन समिति का सदस्य होगा ताकि फैसला किसी एक खेल के प्रति पक्षपातपूर्ण न हो। खेल संघों से उम्मीद की जाती है कि वह सबसे योग्य उम्मीदवारों का नाम ही पुरस्कारों के लिए आगे बढ़ाएंगी भले ही उस खिलाड़ी या कोच ने खुद अपने संघ के पास पुरस्कारों के लिए दावेदारी पेश की हो।”
एक अन्य बड़े बदलाव के अनुसार अब मंत्रालय ने व्यक्तिगत स्पार्धाओं को ज्यादा महत्व देने का फैसला किया है। इसके लिए व्यक्तिगत स्पर्धाओं के खिलाड़ियों को ज्यादा अंक दिए जाएंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार, “राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के संबंध में प्रतिस्पर्धाओं में प्रदर्शन के मानक को कम करते हुए 90 से 80 फीसदी कर दिया गया है। खिलाड़ी के प्रोफाइल और प्रतिस्पर्धा के महत्व के आधार पर चयन समिति द्वारा दिए जाने वाले अधिमान को बढ़ाकर 10 से 20 फीसदी कर दिया गया है।”
साथ ही मंत्रालय ने पुरस्कार चयन समिति की बैठकों की वीडियोग्राफी कराने का भी फैसला लिया है।