सोमवार से गुरुवार तक चले सीपीसी की सेंट्रल कमेटी के पांचवें पूर्ण अधिवेशन के बाद जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, नीति में परिवर्तन का मकसद जनसंख्या विकास को संतुलित करने और भारी जनसंख्या के बुढ़ापे की ओर बढ़ने की समस्या का समाधान करना है।
कानून के हालांकि प्रभावी होने के पहले उसे शीर्ष विधायिका की मंजूरी लेनी होगी।
चीन की परिवार नियोजन नीति को पहली बार 1970 के उत्तरार्ध में लाया गया था, जिसका मकसद अधिकांश शहरी दंपतियों को एक बच्चा व अधिकांश ग्रामीण दंपतियों को दो बच्चा (अगर पहली संतान बेटी होती है) पैदा करने की अनुमति दी गई थी।
बाद में इस नीति में छूट दी गई, जिसके तहत वह दंपति दूसरा बच्चा पैदा कर सकता है, अगर दोनों अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं।
नवंबर 2013 में सीपीसी की सेंट्रल कमेटी के तीसरे पूर्ण अधिवेशन के बाद उन दंपतियों को दूसरा बच्चा पैदा करने की छूट दी गई, जिनमें कोई एक अपने माता-पिता की इकलौती संतान हों।