जम्मू, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। अधिकारियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीकी इलाकों में ‘सभी नागरिक गतिविधियों पर रोक’ लगाने की घोषणा के बाद शुक्रवार को जम्मू, सांबा और कठुआ जिले के सीमावर्ती गांवों के 20,000 से ज्यादा निवासी सुरक्षित जगहों पर चले गए।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने सीमा के नजदीक जम्मू इलाके के जिलों के गांवों में रह रहे लोगों को गुरुवार रात के बाद सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा। यह जगहें पाकिस्तानी गोलाबारी के सीधे दायरे में आती हैं।
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार गोलाबारी तेज कर दी है। इसे भारतीय सेना के गुरुवार की रात पाकिस्तानी सीमा में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें आतंकवादियों के सात लांच पैड को नष्ट कर दिया गया और करीब 33-40 आतंकवादियों को, जो भारतीय सीमा में घुसने का इंतजार कर रहे थे, मार दिया गया।
अधिकारियों ने कहा, “जम्मू, कठुआ और सांबा के सीमा से लगे गांवों के 20,000 से ज्यादा निवासी शुक्रवार सुबह तक अपने घरों से जा चुके हैं। “
एक अधिकारी ने कहा, “ये परिवार स्कूल भवनों, सामुदायिक हॉल और धार्मिक जगहों पर रहेंगे। “
उन्होंने कहा, “कुछ परिवारों को सीमा से दूर इलाकों में उनके संबंधियों के पास भेज दिया गया है। “
इलाके में शुक्रवार को शैक्षिक संस्थानों को एहतियात के तौर पर बंद रखा गया।
जम्मू एवं कश्मीर सरकार के क्रिटिकल केयर एंबुलेंस, आपदा बचाव और राहत दल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है और जम्मू इलाके के सीमावर्ती भागों में तैनात किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि सीमा के नजदीक सभी नागरिक गतिविधियों पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई है।
सीमा से लगे इलाकों और दूसरे कस्बों और जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और चिकित्सकों को काम पर रहने को कहा गया है।