कोलकाता, 8 मई (आईएएनएस)। नोबेल पुरस्कार विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर की कृतियों को भारतीय स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं किए जाने पर खेद व्यक्त करते हुए लोकप्रिय गीतकार गुलजार ने शुक्रवार को कहा कि टैगोर की कृतियां उनके लेखन में निर्णायक मोड़ रही हैं।
उन्होंने यहां रबिद्र भारती युनिवर्सिटी (आरबीयू) के 40वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मानद डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित होने के बाद मीडिया को बताया, “मेरी इच्छा है कि पूरे देश में टैगोर को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। मैंने अपने स्कूली समय में टैगोर से बहुत कुछ सीखा है और मेरी इच्छा है कि देश भर में सभी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में इसे पढ़ाया जाना चाहिए। आज स्कूल के पाठ्यक्रमों में टैगौर को कोई स्थान नहीं दिया गया है।”
ऑस्कर और ग्रैमी पुरस्कार विजेता गुलजार ने टैगोर की कृतियों के प्रति अपने सम्मान को दर्शाते हुए कहा कि उन्होंने टैगोर की वास्तविक कृतियों को पढ़कर बंगाली भाषा सीखी।
गुलजार (80) ने कहा कि वह टैगोर की दो कृतियों के अनुवाद पर काम कर रहे हैं, जिसे इस साल के अंत तक प्रकाशित किया जा सकता है।