नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के 16 दिसंबर, 2015 के आदेश पर छूट मांगने तथा दो हजार सीसी क्षमता से अधिक डीजल चालित 110 ट्रॉमा एंबुलेंस के पंजीकरण की मंजूरी के लिए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदूषण से निपटने के लिए अपने आदेश के तहत दो हजार सीसी या उससे अधिक क्षमता के डीजल वाहनों के पंजीकरण पर पाबंदी लगा रखी है।
शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल तथा न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अवकाश पीठ ने कहा कि दिसंबर 2016 के आदेश पर छूट की मांग वाली याचिका पर उचित समय पर सुनवाई होगी। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि पूर्व में न्यायालय विभिन्न विभागों तथा सुरक्षा एजेंसियों की समस्या सुलझाने के लिए 16 दिसंबर के आदेश में संशोधन कर चुका है।
अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में घुसने वाले वाहनों पर पर्यावरण मुआवजा शुल्क (ईसीसी) को दोगुना कर दिया था तथा दो हजार सीसी या उससे अधिक क्षमता वाले डीजल वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी।
दो एक्सल वाले वाणिज्यिक वाहनों के लिए प्रति फेरे ईसीसी बढ़ाकर 1,400 रुपये तथा तीन व चार एक्सल वाले वाहनों के लिए 2,600 रुपये कर दिया गया था।
इससे पहले 12 अक्टूबर, 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने हल्के वाहन तथा दो एक्सल वाले वाहनों के लिए ईसीसी 700 रुपये, जबकि तीन तथा चार एक्सल वाले वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईसीसी 1300 रुपये किया था।