नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक-2014 को लोकसभा में विचारार्थ रखने और पारित करने का अनुरोध करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि इसे फिर से संसद की स्थायी समिति के हवाले करने से समय सीमा पर इसे लागू नहीं किया जा सकेगा, जबकि इस पर व्यापक सहमति बन चुकी है।
जेटली ने कहा, “कुछ मुद्दों का छोड़ दिया जाए, तो इस पर व्यापक सहमति बन चुकी है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों को पहले दिन से ही लाभ मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “गत दो साल से यह स्थायी समिति के पास है। यदि संसद जीएसटी में और देरी चाहता है, तो अप्रैल 2016 का लक्ष्य बेकार हो जाएगा और पूरा कारोबारी वर्ष भी बेकार चला जाएगा।”
सरकार अप्रैल 2016 से पहले इसे लागू करना चाहती है।
लोकसभा उपाध्यक्ष एम. थंबी दुरई ने सदन को बताया कि जेटली ने गत वर्ष भेजे एक पत्र में कहा था कि विधेयक को वित्तीय मामलों पर संसद की स्थायी समिति को नहीं भेजा जाए, क्योंकि इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा 2011 में लाया गया विधेयक अब भी सदन की समिति में लंबित है।
जेटली ने सोमवार को कहा था कि जीएसटी पर व्यापक सहमति बन चुकी है और राज्यों को इसके अनुपालन से होने वाले नुकसान की विपक्ष की आशंका को वह दूर कर चुके हैं।
उन्होंने कहा था, “मैंने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ कई बैठकें की हैं। मैंने अधिकतर राजनीतिक पार्टियों से बात की है और साधारण तौर पर व्यापक सहमति बन चुकी है।”