नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सभी देशों -अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के अतिरिक्त भारत- के प्रतिनिधि क्षेत्र में आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने पर पहले संयुक्त अभ्यास में यहां हिस्सा लेंगे, जो 23 नवंबर से शुरू हो रहा है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सभी देशों -अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के अतिरिक्त भारत- के प्रतिनिधि क्षेत्र में आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने पर पहले संयुक्त अभ्यास में यहां हिस्सा लेंगे, जो 23 नवंबर से शुरू हो रहा है।
भारत पहले संयुक्त अभ्यास -दक्षिण एशियाई वार्षिक आपदा प्रबंधन अभ्यास- की मेजबानी करेगा, जिसका उद्देश्य भूकंप और रासायनिक आपात स्थितियों के प्रति क्षेत्रीय प्रतिक्रिया को मजबूत करना है।
दक्षेस के सभी आठ देशों के प्रतिनिधि इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
पांच दिवसीय यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव, आर.के. जैन ने कहा, “अभ्यास मुख्य रूप से समन्वयन प्रयासों के परीक्षण, सदस्य देशों के प्रतिक्रिया बलों के बीच साहचर्य और समन्वित प्रयास तैयार करने पर केंद्रित होगा, ताकि आपदा प्रतिक्रिया पर क्षेत्रीय सहयोग को संस्थागत रूप दिया जा सके।”
जैन ने कहा, “इस अभ्यास का उद्देश्य इस बात को सुनिश्चित कराना होगा कि आपदा के समय में प्रतिक्रिया बलों के प्रयास समन्वित और एकीकृत हों।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काठमांडू में 26 नवंबर, 2014 को 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में कहा था कि आपदा प्रबंधन में भारत की विशेषज्ञता दक्षिण एशिया के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगी।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि अभ्यास के प्रथम दिन आयोजित सत्रों में आपदा की विभिन्न स्थितियां सामने रखी जाएंगी और व्यक्तिगत व संयुक्त प्रतिक्रिया उपायों पर चर्चा होगी।