नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक ठेकेदार से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार में प्रधान सचिव और उसके निजी सहायक को एक अदालत ने यहां गुरुवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव और 1984 बैच के आईएएस अधिकारी संजय प्रताप सिंह और उनके सहयोगी रमेश कुमार को सात दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश अंजु बजाज चांदना के समक्ष पेश किया गया था।
एजेंसी के यह कहने पर कि पुलिस हिरासत और पूछताछ की जरूरत नहीं है, अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दोनों व्यक्तियों पर एक ठेकेदार से 2.2 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है। यह ठेकेदार कल्याण मंत्रालय को सुरक्षाकर्मी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की आपूर्ति करता रहा है।
सीबीआई के मुताबिक, मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और निजी सहायक को आईएस अधिकारी की ओर से शिकायतकर्ता से दो लाख 20 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
सहायक को अधिकारी की कार में रिश्वत की रकम पहुंचाने को कहा गया था।
एक सीबीआई अधिकारी ने बताया, “सहयोगी ने सिंह की कार में रिश्वत की रकम पहुंचा दी जिसे सीबीआई ने उसके कार्यालय के बाहर रोक लिया और अधिकारी को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया। “
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारी को निलंबित कर दिया है।