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 नवरात्रों के दौरान हो सकती है फूड पॉयजनिंग | dharmpath.com

Tuesday , 13 May 2025

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नवरात्रों के दौरान हो सकती है फूड पॉयजनिंग

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रों के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? धार्मिक महत्व के साथ-साथ व्रत रखने से शरीर के पाचन तंत्र को आराम मिलने से शरीर का शुद्धिकरण भी हो जाता है। कम कैलरी और कम मसालों वाला भोजन खाने से शरीर को वह अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती जो वह आम दिनों में करता है।

इस विषय पर बातचीत करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बताया, “नवरात्रों के दौरान लोगों के पास खाने की चीजों के बहुत सीमित विकल्प होते हैं, जिनमें बस कुट्टू और सिंघाड़े का आटा शामिल होता है। जो लोग व्रत रख रहे हैं हम उन्हें अत्यधिक मात्रा में तरल आहार लेने की सलाह देते हैं ताकि उर्जा बनी रहे और डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।”

उन्होंने कहा कि इस बात की भी सलाह दी जाती है कि पिछले साल के बचे हुए कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग न करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है और उसे खाने से डायरिया होने की संभावनता होती है। फल काफी मात्रा में खाएं, लेकिन बर्फी, लड्डू और आलू फ्राई जैसी तली और अत्यधिक चीनी वाली चीजें खाने से दस्त हो सकते हैं।

डायरिया और फूड पॉयजनिंग से बचने के लिए व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखें-

सिंघाड़े के आटे का प्रयोग करें, सिंघाड़ा अनाज नहीं बल्कि फल होता है जो यह सूखे हुए सिंघाड़ों से बनाया जाता है इसलिए इसे नवरात्रों में अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है। प्रति 100 ग्राम में यह 115 कैलरी देता है इसलिए यह उर्जा का बेहतरीन स्रोत है।

सिंघाड़े के पौधे को विशेष आकार के फल लगते हैं, जिसके बहुत बड़े बीज होते हैं। यह बीज या मेवे उबाल कर या कच्चे ही स्नैक्स की तरह खाए जा सकते हैं।

सिंघाड़े का आटा बनाने से पहले इसे उबाल कर, छील कर और सुखा कर बनाया जाता है। इस वजह से इसके दूषित होने की संभावना नहीं बचती।

सिंघाड़ों में कार्बोहाईड्रेट्स की शुद्ध मात्रा बहुत कम होती है। इसे कम कार्बोहाईड्रेट्स वाली कई खुराकों में शामिल किया जाता है। इसमें आम मेवों जैसी चर्बी भी नहीं होती। इनमें सफेद आटे की तुलना में भी कम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं।

सिंघाड़ा के आटे से बनने वाली तली हुई पूरियां या परांठे से परहेज करें। अच्छे ब्रांड का उच्च गुणवत्ता का आटा ही लें, पिछले साल के बचे हुए आटे से फूड पॉयजनिंग हो सकती है।

सिंघाड़े की रोटी बनाते वक्त उच्च ट्रांस फैट वाला तेल प्रयोग न करें। जितने ज्यादा हो सके फल खाएं, व्रत रखने वालों के लिए फल सबसे बेहतर विकल्प होते हैं। शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए पानी और फलों का रस अत्यधिक मात्रा में पीते रहें।

नवरात्रों के दौरान हो सकती है फूड पॉयजनिंग Reviewed by on . नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रों के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? धार्मिक महत्व के साथ-साथ व्रत रखने से शरीर के पाचन नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रों के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? धार्मिक महत्व के साथ-साथ व्रत रखने से शरीर के पाचन Rating:
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