नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। नौसेना कमांडर नई दिल्ली में 26 से 28 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले द्विवार्षिक सम्मेलन के दूसरे संस्करण के दौरान नौसेना के बदलाव के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकी सक्षमताओं पर विचार-विमर्श करेंगे। ये विचार-विमर्श 2030 तक नौसेना के भविष्य के लिए एक रूप-रेखा के रूप में कार्य करेंगे। प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुसार स्वदेशीकरण इस रूप-रेखा का प्रमुख संचालक है।
वर्तमान में भारतीय पोत कारखानों में 47 जहाज निमार्णाधीन होने से नौसेना स्वेदेशीकरण के मामले में सबसे आगे है। नौसेना प्रमुख नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान अर्धवार्षिक रूप से नौसेना में महत्वपूर्ण संचालन और प्रशासनिक मुद्दों की समीक्षा करते हैं।
आगामी सम्मेलन में नौसेना में कमान की परिचालनात्मक तैयारी, बुनियादी ढांचा विकास, मानव संसाधन प्रबंधन, तटीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा और विदेशी सहयोग की पहल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री 26 अक्टूबर को नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
भारतीय नौसेना की डिजिटल इंडिया पहल के साथ एकीकरण के लिए अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ई-गवर्नेस में प्रवेश के लिए नौसेना द्वारा की गई अनेक पहल के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा। ऐसा करते हुए नौसेना में साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने के प्रयासों की भी समीक्षा की जाएगी।
भारतीय नौसेना के प्रदर्शन के उद्देश्य के लिए विश्व की नौसेनाओं के साथ बेहतर सूझबूझ और श्रेष्ठ प्रचालन प्रक्रियाओं को साझा करने, 16 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बेड़े की विशाखापत्तनम में की जाने वाली समीक्षा हेतु किए जाने वाले प्रबंधों के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
तकनीकी रूप से जानकार नौसैनिकों के बारे में ध्यान केंद्रित करने के लिए वर्ष 2015 को नौसैनिक वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। नौसेना में जीवन की गुणवत्ता और सेवा शर्तो को सुधारने के लिए चलाई जा रही अनेक योजनाओं की भी इस सम्मेलन में समीक्षा की जाएगी।
प्रचलित भू-आर्थिक और भू-सामरिक परिदृश्य के बारे में नौसेना की भूमिका और जिम्मेदारियों का पिछले दशक के दौरान काफी विस्तार किया गया है। इन विकास कार्यो से नौसेना के 2007 में प्रकाशित सामरिक मार्ग-दर्शन दस्तावेज, ‘सागर का उपयोग करने की स्वतंत्रता- भारत की समुद्रीय सैन्य रणनीति’ का संशोधन आवश्यक हो गया है।
इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री समुद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए भारतीय समुद्रीय सुरक्षा रणनीति नामक फोलो-ऑन संस्करण का अनावरण करेंगे। इस संस्करण का उद्देश्य 21 शताब्दी में समुद्रों और भारत के पुनरूत्थान के दरम्यान अकाट्य संबंधों को उजागर करना है। यह उल्लेखनीय है कि चालू वर्ष के लिए कमांडरों के सम्मेलन का पहला संस्करण 25 से 28 मई, 2015 तक आयोजन किया गया था।