पन्ना, 5 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में हुए भीषण बस हादसे में अपनों को खोये पीड़ित परिवार उनके अवशेष पाने तक को तरस गए हैं। अवशेष भी ऐसे, जिन्हें पहचाना न जा सके। ऐसे में पहचान प्रयोगशाला के उपकरण करेंगे, यानी डीएनए रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा।
पन्ना, 5 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में हुए भीषण बस हादसे में अपनों को खोये पीड़ित परिवार उनके अवशेष पाने तक को तरस गए हैं। अवशेष भी ऐसे, जिन्हें पहचाना न जा सके। ऐसे में पहचान प्रयोगशाला के उपकरण करेंगे, यानी डीएनए रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा।
छतरपुर से सतना जा रही अनूप ट्रेवल्स की बस सोमवार को पन्ना जिले के पांडव फॉल के करीब अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी थी और उसमें आग लग गई थी। इस हादसे में 21 लोग जिंद जल गए थे। वहीं 12 यात्रियों ने बस के कांच तोड़कर अपनी जान बचाई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर.डी. प्रजापति ने आईएएनएस को बताया कि कुल 21 मृतकों में से 16 के परिजन पन्ना पहुंच चुके हैं और तीन परिवारों ने फोन पर अपने परिजन की हादसे में मौत की जानकारी दी है। अब दो मृतक ही ऐसे बचे हैं, जिनके परिजनों से अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
हादसे में मारे गए लोगों के शव, नहीं कंकाल के रूप में बचे अवशेषों को पुलिस ने बस से बरामद कर लिया है। अब इन कंकालों को सुरक्षित रखना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
प्रजापति ने आईएएनएस को बताया कि यह अवशेष डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद ही परिजनों को सौंपे जाएंगे। इन कंकालों को सुरक्षित रखने के लिए दो विकल्प हैं- या तो इन कंकालों को भोपाल भेजा जाए या प्रत्येक कंकाल पर क्रमांक डालकर फिलहाल जमीन में दफना दिया जाए।
इससे साफ है कि मृतकों के परिजनों को कंकाल अभी जल्दी नहीं मिलने वाले हैं, कंकाल हासिल करने के लिए उन्हें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा।
अपनों की तलाश में पन्ना पहुंचे परिवार बदहवास हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे यहां से क्या लेकर जाएं, अपनों के अवशेष आखिर वे कब तक पा सकेंगे और उनका अंतिम संस्कार कैसे करेंगे।
परिजनों को प्रियजनों का अंतिम बार चेहरा भी देखना नसीब न हुआ।